Bettiah Raj Land: बिहार सरकार ने बेतिया राज की जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने और भूमि का उचित उपयोग करने के लिए एक नई नीति बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। जो लोग लंबे समय से बेतिया राज की जमीन पर मकान बनाकर रह रहे हैं, उनसे जमीन के रकबे के हिसाब से एक निश्चित राशि जुर्माना के रूप में ली जाएगी। इसके अलावा, खासमहल नीति के तहत उनसे जमीन के मौजूदा बाजार मूल्य का एक हिस्सा सालाना लिया जाएगा। कुछ वर्षों के बाद वे जमीन के मालिक बन जाएंगे।
झोपड़ी बनाकर रहने वालों को दी जाएगी जमीन
वहीं जो लोग झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं, उन्हें 3 डिसमिल जमीन आवंटित की जाएगी। उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। बिहार राजस्व पर्षद इससे संबंधित सभी पहलुओं पर मंथन करने में जुटा हुआ है। सरकार जल्द ही इन नीतियों को अंतिम रुप देकर संबंधित अधिसूचना जारी कर देगी। मालूम हो कि सरकार बेतिया राज की 15 हजार 500 एकड़ जमीन को अपने अधीन लेने की घोषणा कर चुकी है।
जमीन पर कब्जा करने वालों से वसूला जाएगा जुर्माना
वहीं एक तिहाई से अधीक जमीन पर अतिक्रमण है इन जमीनों पर वर्षों से घर बनाकर रह रहे लोगों को सरकार खासतौर से सेटलमेंट प्लान लाने की तैयारी में जुटी हुई है। वहीं इसके अलाव व्यावसायिक गतिविधियों के लिए जमीन पर कब्जा करने वालों से जुर्माना वसूल कर जमीन खाली करवाई जाएगी।
90 दिन में होगा निपटारा
बेतिया राज की जमीन से संबंधित अधिसूचना राजस्व पर्षद के स्तर से जल्द जारी होने वाली है। अधिसूचना जारी होने के बाद 90 दिन में सभी मामलों का निपटारा किया जाएगा। इसके लिए छह जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण, सीवान और पटना में एडीएम रैंक के एक-एक विशेष पदाधिकारी की तैनाती होगी।
यूपी में भी बेतिया राज का जमीन
जानकारी अनुसार बेतिया राज की कुछ जमीन यूपी में भी है, जिसके लिए अलग नीति बनाई जाएगी। बताया जा रहा है कि बेतिया राज की करीब 500 एकड़ जमीन यूपी के मिर्जापुर, गोरखपुर, वाराणसी समेत अन्य कुछ शहर में मौजूद है, इन जमीन का निपटारा बिहार के बाद किया जाएगा।