Bhagalpur News: नवगछिया में अनुमंडल अस्पताल के आसपास अवैध रूप से संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे सेंटरों पर एसडीएम ऋतुराज प्रताप सिंह ने छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में कई सेंटरों में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं।
क्या हुआ जांच में?
एसडीएम ने शिवा डायग्नोज सेंटर, मां अल्ट्रासाउंड, नयन अल्ट्रासाउंड, संजीव कुमार दास नर्सिंग होम और चित्रा पैथोलॉजी सहित कुल 7 क्लीनिकों का निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि कई सेंटरों में रजिस्टर और दस्तावेज नहीं थे।शिवा डायग्नोज सेंटर में सीटी स्कैन कर रहा व्यक्ति योग्य नहीं था।मरीजों से अधिक पैसे लिए जा रहे थे और रसीद नहीं दी जा रही थी।कई सेंटरों के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी थी।
नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के आसपास अवैध तरीके से संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे सेंटरों पर सोमवार को नवगछिया एसडीएम ऋतुराज प्रताप सिंह ने औचक निरीक्षण कर बड़ी कार्रवाई की। जांच के दौरान शिवा डायग्नोज सेंटर, मां अल्ट्रासाउंड, नयन अल्ट्रासाउंड, संजीव कुमार दास नर्सिंग होम और चित्रा पैथोलॉजी सहित कुल 7 क्लीनिकों में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं।
एसडीएम के निरीक्षण के दौरान कई सेंटरों पर रजिस्टर और दस्तावेज नहीं मिले। शिवा डायग्नोज सेंटर में न तो कोई रजिस्टर था और न ही योग्य कर्मचारियों की उपस्थिति। जब सीटी स्कैन कर रहे प्रिंस कुमार से योग्यता पूछी गई, तो उसने बताया कि वह अभी पढ़ाई कर रहा है। इस पर एसडीएम ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि बिना लाइसेंस और योग्यता के जांच कैसे की जा रही है।
मरीजों से अधिक पैसे की वसूली
मौके पर मौजूद मरीजों से पूछताछ में यह भी सामने आया कि अल्ट्रासाउंड के लिए 1400 रुपये लिए जाते हैं, लेकिन रसीद नहीं दी जाती। जब संचालकों से रसीद दिखाने को कहा गया, तो वे कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके।
7 क्लीनिकों पर बंदी का आदेश
नयन अल्ट्रासाउंड में भी लाइसेंस और अन्य जरूरी कागजात नहीं पाए गए, जिसके बाद एसडीएम ने तुरंत केंद्र बंद करने का आदेश दिया। संजीव कुमार दास नर्सिंग होम और चित्रा पैथोलॉजी में भी ऐसी ही खामियां मिलने पर कड़ी कार्रवाई की गई।
एफआईआर की तैयारी, रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जाएगी
एसडीएम ऋतुराज प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे सेंटरों की शिकायतें मिल रही थीं। जांच के दौरान कई सेंटर बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे थे, जबकि कुछ के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी थी। सभी अनियमितताओं की रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को भेजी जा रही है। जिनके पास लाइसेंस नहीं मिले, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
एसडीएम का सख्त संदेश
एसडीएम ने कहा, "यह स्वास्थ्य सेवाओं से खिलवाड़ है। ऐसे अनियमित संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि मरीजों का शोषण रोका जा सके।
रिपोर्ट - अंजनी कुमार कश्यप