BHAGALPUR: बिहार सहित पूरे देश में साइबर ठगों का आतंक जारी है। साइबर ठग अलग-अलग हथकंडे अपना कर साइबर ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। इसी कड़ी में भागलपुर में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा किया है। पुलिस खुलासे में पता चला है कि कैसे साइबर ठग हजारों लोगों से ठगी, मोबाइल नंबरों की बिक्री का खेल खेल रहे थे। दरअसल, भागलपुर पुलिस ने एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह पिछले तीन महीनों से सक्रिय था और करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका था। पुलिस की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
कैसे चल रहा था खेल
साइबर ठगी का खेल मोबाइल नंबरों की बिक्री कर किया जा रहा था। पहले साइबर ठग दुकानों, मॉल और ऑनलाइन शॉपिंग साइटों से सस्ते में मोबाइल नंबर खरीद रहे थे। फिर इन नंबरों का इस्तेमाल कर लोगों को लकी ड्रॉ, ऑफर आदि के नाम पर कॉल करते थे और उनसे पैसे ठग लेते थे। ठग ठगी के लिए दिल्ली से बैंक खाते और सिम कार्ड मंगवाए जाते थे। इन ठगों का ठिकाना भागलपुर में घूरन पीरबाबा चौक के पास एक मकान में था। यहीं से गिरोह सक्रिय था।
कौन थे शिकार
साइबर ठगों ने गुरुग्राम की एक डॉक्टर, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के व्यापारी, पांडिचेरी, गोवा आदि के कई अन्य लोग को अपना शिकार बनाया था। गुरुग्राम की डॉक्टर ने जो प्रोडक्ट खरीदा था उसी के नाम पर लकी ड्रॉ में आईफोन मिलने की बात कह उनसे हजारों रुपये की ठगी कर ली गई। ठीक वैसे ही ठगों ने अन्य लोगों को भी लालच देकर साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया था।
पुलिस की कार्रवाई
इस मामले में भागलपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने गिरोह के 10 से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से बैंक खाते, सिम कार्ड, मोबाइल फोन और कई लोगों के नंबर मिले हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि ठगी के पैसे का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में तो नहीं हो रहा था।
कैसे हुआ खुलासा
पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस को एक शिकायत मिली। शिकायत के आधार पर पुलिस ने इस गिरोह का पता लगाया। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने गिरोह के ठिकाने तक पहुंची। इस मामले में साइबर ठगों ने बड़े पैमाने पर लोगों को निशाना बनाया। गिरोह का संचालन काफी संगठित तरीके से हो रहा था। इस मामले ने साइबर सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।