Bihar airport expansion 2025: बिहार में हाल के वर्षों में सड़कों और पुलों का तेजी से विस्तार हुआ है। राज्य के एक छोर से दूसरे छोर तक यात्रा अब पहले से कहीं अधिक सुगम हो गई है। अब, राज्य सरकार ने एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए बड़ी योजना तैयार की है। वर्तमान में राज्य में पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट संचालित हैं, लेकिन आने वाले समय में पांच और नए एयरपोर्ट इस सूची में जुड़ जाएंगे।
नए एयरपोर्ट: कनेक्टिविटी का विस्तार
1. पूर्णिया एयरपोर्ट
स्थान: पूर्वी बिहार
निर्माण की स्थिति: निर्माण कार्य 2025 के जुलाई-अगस्त तक पूरा होने की संभावना।
विशेषता: पूर्वी बिहार के नागरिकों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी का केंद्र।
2. रक्सौल एयरपोर्ट
स्थान: भारत-नेपाल सीमा
महत्त्व: दो देशों की सीमा पर स्थित होने के कारण रणनीतिक और व्यावसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण।
प्रगति: 137 एकड़ भूमि का अधिग्रहण पूरा।
3. राजगीर एयरपोर्ट
स्थान: मगध क्षेत्र
महत्त्व: राजगीर क्षेत्र पर्यटन और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
4. भागलपुर (सुल्तानगंज) एयरपोर्ट
स्थान: अंग क्षेत्र
महत्त्व: अंग क्षेत्र के विकास और कनेक्टिविटी में मदद।
5. बिहटा एयरपोर्ट (पटना)
स्थिति: निर्माण की बाधाओं को दूर किया जा रहा है।
महत्त्व: राजधानी पटना में मौजूदा एयरपोर्ट का विस्तार।
सरकार की योजना और प्रगति
बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ लगातार बैठकें की जा रही हैं।
पूर्णिया एयरपोर्ट का टेंडर जारी हो चुका है।
बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर किया जा रहा है।
रक्सौल एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
राजगीर और भागलपुर एयरपोर्ट का निर्माण भी तेजी से चल रहा है।
हवाई कनेक्टिविटी से संभावित लाभ
1. आर्थिक विकास
एयरपोर्ट का निर्माण राज्य में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा।
2. पर्यटन को बढ़ावा
राजगीर, गया और दरभंगा जैसे क्षेत्रों में पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी।
3. आसान और तेज परिवहन
दूर-दराज के इलाकों से हवाई संपर्क स्थापित होने से समय की बचत होगी।
4. सीमावर्ती क्षेत्र का विकास
रक्सौल एयरपोर्ट भारत-नेपाल व्यापार को बढ़ावा देगा।