Bihar Health की फिर खुल गई पोल, पटना जिले के अनुमंडल अस्पताल में कई मरीजों को चढ़ायी गयी एक्सपायरी डेट वाली दवाइयां, जमकर हुआ हंगामा
Bihar Health - बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की असली हकीकत सामने आ गई। जब पटना के अनुमंडल अस्पताल में भर्ती मरीजों को एक्सपायर हो चुका सलाइन चढ़ा दिया गया। जिसके बाद अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ।

Patna - बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में शनिवार को एक हैरान कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि एक महिला को जो पंडारक की रहने वाली है इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल बाढ़ में लाया गया था, इलाज के दौरान उसे एक्सपायरी सलाइन वाटर चढ़ा दिया गया।
जब महिला के परिजनों ने देखा कि सलाइन वाटर का डेट एक्सपायर हो चुका है तो वह हंगामा करने लगे और उससे संबंधित अस्पताल प्रशासन के पास गये। पहले उसे डांट कर भगा दिया गया कि, "जाओ जो करना है करो"। लेकिन जब परिजनों ने स्थानीय बाढ़ थाना की पुलिस को सूचना दी और मौके पर पहुंची तो सभी अस्पतालकर्मी के होश उड़ गये। पुलिस छानबीन करने लगी।
पीड़ित महिला कंचन देवी पंडारक की रहने वाली बतायी जाती है।महिला के एक परिजन ने यह भी बताया कि एक्सपायरी सलाइन वाटर का डेट चार महीना पहले ही एक्सपायर हो चुका था और उसे ही कई मरीजों को चढ़ाया जा रहा था। कुछ मरीज तो चले भी गये थे।
कई मरीजों को चढ़ाई गई एक्सपायरी सलाइन
जानकारी यह भी मिल रही है कि एक साथ कई मरीजों को एक्सपायरी डेट का सलाइन वाटर चढ़ाया जा रहा था। लेकिन जैसे ही परिजन हो-हल्ला करने लगे दूसरे मरीजों के भी सलाइन वाटर को बदल दिया गया।
जबकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जो भी इस तरह के घृणित कार्य किया उसको छोड़ा नहीं जाएगा उसके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पिछले चार महीने पहले सलाइन वाटर या दवाइयों के डेट एक्सपायर हो जाते हैं तो उसे तुरंत क्यों नहीं हटाया जाता है। क्या यह अस्पताल प्रशासन की लापरवाही नहीं कही जा सकती है? तो इस तरह से एक बड़ी लापरवाही बाढ़ के अनुमंडलीय अस्पताल में देखने को मिल रही है। इससे कभी भी किसी की जान जा सकती है। जिसकी भरपाई करना अस्पताल प्रशासन के द्वारा संभव नहीं हैं।
आखिर एक्सपायरी डेट की दवाइयां या फिर सलाइन वाटर की समय समय पर जांच कर वहां से हटाया क्यों नहीं जाता है ? यह जिम्मेवारी किसकी है? फिलहाल पुलिस अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।
बाढ़ से रविशंकर कुमार की रिपोर्ट।