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Liquor Ban: शराबबंदी वाले इस राज्य में अब बिकेगी वाइन और स्पेशल बीयर, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

मिजोरम में शराबबंदी के बीच सरकार ने स्थानीय शराब और बीयर की बिक्री को मंजूरी दे दी है। अवैध बिक्री को रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। सिर्फ लाइसेंसधारी दुकानें ही बेचेंगी, शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी।

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पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में जहां पूर्ण शराबबंदी लागू है, वहां अब शराब और खास तरह की बीयर की बिक्री की इजाजत मिलने जा रही है। इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने मिजोरम शराब (निषेध) अधिनियम, 2019 में संशोधन करने का फैसला किया है। इसके तहत फलों और चावल से बनी शराब और बीयर के उत्पादन, वितरण और बिक्री को लाइसेंस प्राप्त दुकानों पर नियंत्रित तरीके से बेचने की इजाजत होगी। 


मिजोरम की जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) सरकार मौजूदा शराबबंदी कानून में बदलाव कर रही है। इसके मुताबिक स्थानीय स्तर पर बनी शराब और बीयर को कानूनी तौर पर बेचा जा सकेगा। साथ ही पारंपरिक मिजो शराब को भी आधिकारिक तौर पर मंजूरी मिलेगी। हालांकि मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने साफ कर दिया है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी को पूरी तरह हटाने का कोई इरादा नहीं है। सरकार सिर्फ स्थानीय स्तर पर बनी शराब और बीयर की बिक्री को नियंत्रित करेगी। 


मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि सरकार राज्य में शराब की दुकानें खोलने की इजाजत नहीं देगी। हालांकि, स्थानीय स्तर पर बनी शराब और विशेष बीयर की बिक्री पर सरकार का नियंत्रण रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले से पहले चर्चों से भी सलाह ली गई है और उन्होंने इस पर सहमति जताई है। संशोधित विधेयक के तहत चावल और फलों से बनी शराब और बीयर की बिक्री सिर्फ लाइसेंसधारी विक्रेताओं को ही करने की अनुमति होगी। पारंपरिक मिजो शराब को कानूनी तौर पर बेचने की अनुमति होगी। शराब की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन स्थानीय उत्पादकों को नियंत्रित बिक्री की छूट मिलेगी।


राज्य सरकार का मानना है कि इस फैसले से अवैध शराब की बिक्री रुकेगी और राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। साथ ही स्थानीय उत्पादकों को आर्थिक लाभ मिलेगा। हालांकि, शराबबंदी के समर्थक इस फैसले का विरोध कर सकते हैं, क्योंकि वे इसे शराबबंदी नीति के खिलाफ मानते हैं।  मिजोरम में शराबबंदी को लेकर समय-समय पर कई बदलाव हुए हैं। 1984 में शराब की बिक्री पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया, 1987 में शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद कर दी गईं, 1995 में मिजोरम पूर्ण शराब निषेध अधिनियम लागू हुआ और 1997 में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया। 2015 में नए कानून के तहत शराब की बिक्री की अनुमति दी गई, जिसके चलते राज्य में शराब की दुकानें फिर से खुल गईं, लेकिन 2019 में फिर से शराबबंदी लागू कर दी गई। 2024 में सरकार ने शराबबंदी कानून की समीक्षा करने का ऐलान किया। 


मिजोरम सरकार का यह फैसला शराबबंदी नीति को पूरी तरह खत्म किए बिना संतुलित समाधान निकालने की कोशिश है। इससे राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है और अवैध शराब की बिक्री पर लगाम लग सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता और विपक्षी दल इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

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