Territorial Army: रक्षा मंत्रालय ने आर्मी चीफ को दिया बड़ा अधिकार, कर सकते हैं टेरिटोरियल आर्मी की तैनाती, जानिए सेना से कैसे जुड़ेंगे आम लोग
रक्षा मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है जिसके तहत आर्मी चीफ टेरिटोरियल आर्मी के ऑफिसर्स और सैनिकों को एक्टिव ड्यूटी के लिए बुला सकते हैं. यह आदेश 10 फरवरी 2025 से 9 फरवरी 2028 तक तीन वर्षों तक प्रभावी रहेगा.

Territorial Army: भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात जारी है. इन सबके बीच केंद्र सरकार ने थलसेना प्रमुख को टेरिटोरियल आर्मी को तैनात करने का अधिकार दिया है. यह तैनाती देश की सुरक्षा, आपात स्थिति या सेना की सहायता के लिए की जा सकेगी. यह आदेश 10 फरवरी 2025 से 9 फरवरी 2028 तक तीन वर्षों तक प्रभावी रहेगा. ये फैसला सरकार ने 1948 के टेरिटोरियल आर्मी नियमों के तहत लिया है और इसकी जानकारी 6 मई को भारत के राजपत्र (The Gazette of India) में छपी एक अधिसूचना के ज़रिए दी गई है.
सरकार ने क्या आदेश दिया है?
सरकार ने कहा है कि अभी जो 32 टेरिटोरियल आर्मी की बटालियन हैं, उनमें से 14 बटालियन को ज़रूरत के हिसाब से देश के अलग-अलग इलाकों में तैनात किया जा सकता है. ये इलाके हैं –साउथर्न कमांड (दक्षिण भारत), ईस्टर्न कमांड (पूर्वी भारत), वेस्टर्न कमांड (पश्चिम भारत), नॉर्दर्न कमांड (उत्तर भारत), सेंट्रल कमांड (मध्य भारत), साउथ वेस्टर्न कमांड, अंडमान और निकोबार कमांड.
आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC)
हालांकि ये तैनाती तभी होगी जब रक्षा मंत्रालय के पास इसके लिए बजट होगा या फिर पहले से बने बजट में से ही कुछ पैसे बचा लिए जाएं. अगर किसी और मंत्रालय की मांग पर टेरिटोरियल आर्मी तैनात की जाती है, तो उस खर्च का बोझ उस मंत्रालय को उठाना पड़ेगा – रक्षा मंत्रालय नहीं देगा.