Bihar Politics: सवर्ण आयोग की कमान संभालते ही महाचंद्र प्रसाद सिंह के स्वागत में बजीं शहनाइयां, पारदर्शिता और न्याय को बनाया मूलमंत्र

Bihar Politics: महाचंद्र प्रसाद सिंह की नियुक्ति केवल एक प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि सवर्ण समाज के सम्मान की पुनर्स्थापना के रूप में देखी जा रही है।

Mahachandra Prasad Singh
वर्षों से आश्वासन खा रहे सवर्ण गरीब अब खाएंगे योजनाओं का फल?- फोटो : reporter

Bihar Politics: राजनीतिक गलियारों में बीती रात एक नई गूंज सुनाई दी—दिल्ली की सड़कों पर आधी रात को छूटते पटाखे और ढोल-नगाड़ों की धुन। यह उल्लास सवर्ण आयोग के नव नियुक्त अध्यक्ष महाचंद्र प्रसाद सिंह के स्वागत में था, जिनके पदभार संभालते ही समर्थकों में उत्सव का आलम छा गया। राजधानी दिल्ली में समर्थकों ने आधी रात को पटाखे छोड़े और ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य कर अपने नेता के सम्मान में आसमान तक जयघोष कर दिया।

गरीब सवर्णों के लिए संकल्पबद्ध हैं महाचंद्र

न्यूज4नेशन से विशेष बातचीत में सवर्ण आयोग के अध्यक्ष अध्यक्ष महाचंद्र प्रसाद सिंह ने स्पष्ट कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता होगी कि गरीब सवर्ण भूखे न मरें। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि सरकार की योजनाओं का लाभ सवर्ण समाज के ज़रूरतमंदों तक समय पर पहुँचे।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और न्याय को वे अपनी कार्यशैली की आधारशिला बनाएंगे। हर उस गरीब परिवार तक, जो वर्षों से सिर्फ आश्वासन पाता रहा है, अब अधिकार की आवाज़ पहुंचेगी।

एनडीए के प्रति समर्थन, विपक्ष पर तंज:

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि सवर्ण समाज अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों से प्रभावित होकर एनडीए के साथ मजबूती से खड़ा हो गया है। उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि विपक्ष अब मुद्दा विहीन हो चुका है। वह बस वही पुराना झुनझुना बजा रहा है, जिसे जनता अब सुनना नहीं चाहती। लोकसभा चुनाव में जनता ने विपक्ष की हवा निकाल दी थी, और अब बिहार विधानसभा में भी वही हाल तय है।

सांस्कृतिक स्वागत और राजनीतिक संकेत

महाचंद्र प्रसाद सिंह की नियुक्ति केवल एक प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि सवर्ण समाज के सम्मान की पुनर्स्थापना के रूप में देखी जा रही है। दिल्ली से लेकर बिहार के जिलों तक उनके समर्थकों ने ढोल-नगाड़े बजाकर, मिठाइयां बांटकर और सोशल मीडिया पर बधाई संदेशों की बाढ़ लाकर इसे एक जन-उत्सव का रूप दे दिया है।

रिपोर्ट- धीरज कुमार सिंह