Big action in Air India: एअर इंडिया में बड़ा एक्शन, DGCA ने तीन शीर्ष अधिकारियों को हटाया, क्रू शेड्यूलिंग में गंभीर लापरवाही के आरोप, लंदन फ्लाइट क्रैश से जुड़े सवालों ने मचाया हड़कंप!
Big action in Air India: भारत की विमानन नियामक संस्था DGCA यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने एयर इंडिया के क्रूशेड्यूलिंग में भारी गड़बड़ियों को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए तीन वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने का आदेश दिया है..

Big action in Air India: भारत की विमानन नियामक संस्था DGCA यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने एयर इंडिया के भीतर क्रू शेड्यूलिंग में भारी गड़बड़ियों को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए तीन वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने का आदेश दिया है। ये कदम 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन जा रही फ्लाइट के भीषण क्रैश के बाद लिया गया है, जिसमें 241 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी। हादसे में सिर्फ एक व्यक्ति की जान बच पाई, लेकिन हादसा इतना भयानक था कि विमान के गिरने से नजदीकी मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग भी चपेट में आ गई, जिसमें वहां मौजूद डॉक्टर्स की भी जान चली गई।
डिविजनल वाइस प्रेसिडेंट चूरहा सिंह, चीफ मैनेजर, डीओपीएस, क्रू शेड्यूलिंग पिंकी मित्तल, क्रू शेड्यूलिंग प्लानिंग एक्सपर्ट पायल अरोड़ा को उनके पद से हटा दिया गया है। इन अधिकारियों पर बार-बार अनियमितताओं, क्रू पेयरिंग में अनधिकृत बदलाव, लाइसेंसिंग नियमों और रीसेंसी प्रोटोकॉल के उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। DGCA ने एयर इंडिया को आदेश दिया है कि ये अधिकारी किसी भी उड़ान सुरक्षा से जुड़ी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे और गैर-परिचालन भूमिका में तब तक रहेंगे जब तक मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती।
अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट क्रैश ने वैश्विक स्तर पर शोक की लहर पैदा कर दी। ऐसे में अब क्रू शेड्यूलिंग की लापरवाही इस क्रैश से कितनी जुड़ी थी, इस पर जांच एजेंसियों की नजरें टिकी हैं। सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जांच में क्रू की थकान, अनुभव की कमी और गलत रोस्टरिंग को भी संभावित कारणों में गिना जा रहा है।
DGCA ने अपने 20 जून के आदेश में एयर इंडिया को निर्देशित किया है कि संबंधित अधिकारियों को तत्काल क्रू शेड्यूलिंग से हटाया जाए।10 दिन के भीतर आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई की रिपोर्ट DGCA को सौंपी जाए।शेड्यूलिंग सिस्टम में सुधार कर फ्यूचर सेफ्टी सुनिश्चित की जाए।
यह कार्रवाई बताती है कि अब एयरलाइंस में कार्यप्रणाली में ढिलाई और अंदरूनी मिलीभगत पर सख्त नजर रखी जाएगी। एयर इंडिया को अब अपनी प्रक्रिया पारदर्शी बनानी होगी और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी।12 जून का विमान हादसा न सिर्फ एक त्रासदी था, बल्कि उसने एयरलाइन सेक्टर की कमजोरियों को भी उजागर किया। DGCA की यह कार्रवाई केवल जवाबदेही तय करने का कदम नहीं है, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश है—"सेफ्टी से कोई समझौता नहीं!अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि एयर इंडिया अपनी आंतरिक प्रणाली में कितनी तेजी और ईमानदारी से सुधार लाती है और क्या सच में यह हादसा महज दुर्घटना था या एक सिस्टमिक फेल्योर का नतीजा।