Indian Army: पाकिस्तान के परमाणु बंकरों पर ब्रह्मोस का कहर? इंदौर के वैज्ञानिक के सनसनीखेज दावा, वायुसेना ने दिया करारा जवाब!

एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि जिस रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के सरगोधा स्थित किराना हिल्स के पास बने परमाणु बंकरों पर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला किया, उसी दौरान वहां 4.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।...

BrahMos havoc on nuclear bunkers of pakistan
पाकिस्तान के परमाणु बंकरों पर ब्रह्मोस का कहर?- फोटो : social media

Indian Army: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव की आंच सीमा पार से होती हुई  वैज्ञानिक गलियारों तक पहुंच गई है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद इंदौर के वैज्ञानिक डॉ. राम श्रीवास्तव के एक चौंकाने वाले फेसबुक पोस्ट ने इस पूरे घटनाक्रम को एक नया और सनसनीखेज मोड़ दे दिया है। डॉ. श्रीवास्तव ने दावा किया है कि जिस रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के सरगोधा स्थित किराना हिल्स के पास बने परमाणु बंकरों पर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला किया, उसी दौरान वहां 4.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। उनके इस दावे ने एक भूचाल ला दिया है कि क्या यह भूकंप वास्तव में परमाणु हथियारों के नष्ट होने का संकेत था? हालांकि, भारतीय वायुसेना ने तत्काल इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। आइए, इस विस्फोटक कहानी के हर पहलू को गहराई से जानते हैं।

डॉ. राम श्रीवास्तव का धमाके वाला दावा: क्या परमाणु बंकर राख हो गए?

इंदौर के जाने-माने वैज्ञानिक डॉ. राम श्रीवास्तव ने अपनी फेसबुक वॉल पर एक ऐसा पोस्ट किया, जिसने इंटरनेट पर सनसनी मचा दी। उन्होंने लिखा कि 9-10 मई की रात, जब भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम देते हुए पाकिस्तान के सरगोधा में मुशाफ एयरबेस को ब्रह्मोस मिसाइलों से भेदा, ठीक उसी वक्त किराना हिल्स के इलाके में 4.0 की तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। डॉ. श्रीवास्तव ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि किराना हिल्स के अंदर डेढ़ मीटर मोटी कंक्रीट की दीवारों से सुरक्षित परमाणु बंकर शायद इन्हीं हमलों का निशाना बने। उन्होंने एक बड़ा सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि क्या यह भूकंप परमाणु हथियारों के खाक होने का नतीजा था? हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि यह उनकी निजी राय है और इसके पीछे कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।

डॉ. श्रीवास्तव का यह पोस्ट जंगल में आग की तरह फैल गया। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने तुरंत कयास लगाने शुरू कर दिए कि भारत ने सच में किराना हिल्स में पाकिस्तान की परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया है, जिसके कारण रेडिएशन लीक और भूकंप जैसी डरावनी घटनाएं हुईं। कुछ तो इसे पाकिस्तान के लिए "रणनीतिक भूकंप" तक कहने लगे।

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वायुसेना का दहाड़: 'किराना हिल्स? हमने तो उधर देखा भी नहीं!'

सोमवार को भारतीय वायुसेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑपरेशंस, एयर मार्शल एके भारती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन सभी सनसनीखेज दावों की हवा निकाल दी। उन्होंने दो टूक कहा, "हमने किराना हिल्स पर कोई हमला नहीं किया। मैंने अपनी कल की ब्रीफिंग में भी इस बारे में कोई जिक्र नहीं किया था।" उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में यह भी जोड़ा, "आपने ही हमें बताया कि किराना हिल्स में परमाणु सुविधाएं हैं, हमें तो इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी!"

एयर मार्शल भारती ने स्पष्ट रूप से बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' का लक्ष्य केवल सैन्य ठिकाने और आतंकी कैंप थे, किसी भी परमाणु सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया। सरगोधा में स्थित मुशाफ एयरबेस, जो किराना हिल्स से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर है, भारतीय मिसाइलों की जद में जरूर आया और सैटेलाइट तस्वीरों में इसके रनवे पर भारी तबाही देखी गई, लेकिन किराना हिल्स की परमाणु सुविधाओं पर किसी भी हमले का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला।

भूकंप का रहस्य: क्या मिसाइलों ने धरती हिलाई या यह कुदरत का कहर था?

9 और 10 मई की रात पाकिस्तान के कई हिस्सों में 4.0 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था, और इसका अक्षांश 29.67 और देशांतर 66.10 दर्ज किया गया। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने तुरंत इस भूकंप को ब्रह्मोस मिसाइलों के हमलों, खासकर किराना हिल्स के पास बने परमाणु बंकरों से जोड़ दिया। हालांकि, सच्चाई यह है कि भूकंप का केंद्र सरगोधा से काफी दूर, बलूचिस्तान के पास दर्ज किया गया, जिससे इन दावों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि 4.0 तीव्रता का भूकंप सामान्य भूगर्भीय हलचल का हिस्सा हो सकता है, और इसे सीधे मिसाइल हमलों से जोड़ना वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है। परमाणु विस्फोट या बंकरों पर हमले से भूकंप जैसी घटनाएं तभी मुमकिन हैं, जब धमाके की ताकत बहुत ज्यादा हो, जो इस स्थिति में नामुमकिन लगता है।

नूर खान एयरबेस का विध्वंस: पाकिस्तान के दिल पर भारत का घातक प्रहार!

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत ने पाकिस्तान के 11 महत्वपूर्ण एयरबेसों को निशाना बनाया, जिसमें नूर खान एयरबेस सबसे अहम था। रावलपिंडी के चकलाला में स्थित यह एयरबेस पाकिस्तानी वायुसेना की धड़कन माना जाता है। यह न केवल सैन्य अभियानों का केंद्र है, बल्कि रणनीतिक रूप से इस्लामाबाद और पाकिस्तान के परमाणु कमांड सेंटर के करीब होने के कारण भी बेहद संवेदनशील है।

रणनीतिक महत्व: नूर खान एयरबेस से पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमानों में ईंधन भरा जाता है, उनकी मरम्मत की जाती है, और गुप्त सैन्य ऑपरेशनों को अंजाम दिया जाता है। यह वीवीआईपी नेताओं के हवाई सफर का भी मुख्य केंद्र है।भारत का हमला: भारत ने ब्रह्मोस, HAMMER और SCALP जैसी घातक मिसाइलों का इस्तेमाल करके इस एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया। सैटेलाइट तस्वीरों में रनवे और अन्य महत्वपूर्ण ढांचों की व्यापक तबाही साफ दिखाई दे रही है।मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक झटका: इस हमले ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। यह एक स्पष्ट संदेश था कि भारत की पहुंच पाकिस्तान के सबसे सुरक्षित ठिकानों तक है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यह हमला पाकिस्तान के परमाणु कमांड सेंटर को एक कड़ा संदेश देने के लिए भी था, जो इस्लामाबाद से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर है।

किराना हिल्स का रहस्य: धुएं के पीछे क्या छिपा है?

किराना हिल्स, जो सरगोधा के नजदीक स्थित है, लंबे समय से पाकिस्तान की कथित परमाणु भंडारण सुविधाओं का केंद्र मानी जाती रही है। 1980 के दशक में पाकिस्तान ने यहीं पर अपने पहले सबक्रिटिकल न्यूक्लियर टेस्ट किए थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ वीडियो में किराना हिल्स के इलाके से धुंआ उठता हुआ दिखाई दिया, जिसने अटकलों को और तेज कर दिया कि भारत ने शायद इन सुविधाओं को भी निशाना बनाया है।

हालांकि, उच्च-रिजॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों की कमी के कारण यह पक्के तौर पर कहना मुश्किल है कि क्या वास्तव में परमाणु सुविधाओं को कोई नुकसान पहुंचा है। अमेरिका द्वारा हमलों के बाद पाकिस्तान में एक रेडिएशन मॉनिटरिंग विमान भेजने से संदेह जरूर गहरा गया है। लेकिन भारतीय अधिकारियों ने बार-बार यही कहा है कि उनका लक्ष्य सिर्फ सैन्य और आतंकी ठिकाने थे, न कि परमाणु सुविधाएं।

पाकिस्तान की बौखलाहट और दुनिया की चिंता

भारत के इन हमलों ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हिलाकर रख दिया है। नूर खान एयरबेस समेत 11 एयरबेसों का तबाह होना पाकिस्तान की सैन्य क्षमता के लिए एक बड़ा झटका है। पाकिस्तान ने भले ही यह दावा किया हो कि उसने भारतीय हमलों को रोकने की कोशिश की, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरें और स्वतंत्र विश्लेषण कुछ और ही कहानी बयां करते हैं।अमेरिका ने तुरंत हरकत में आते हुए तनाव को कम करने के लिए हस्तक्षेप किया और दोनों देशों के बीच युद्धविराम करवाया। हालांकि, पाकिस्तान ने युद्धविराम के कुछ ही घंटों बाद जम्मू-कश्मीर में गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे स्थिति फिर से नाजुक हो गई है।डॉ. राम श्रीवास्तव का सनसनीखेज दावा, भूकंप की घटना और किराना हिल्स पर हमले की अफवाहें निश्चित रूप से रोमांचक हैं, लेकिन इनके पीछे कोई ठोस सबूत नहीं है। भारतीय वायुसेना ने साफ कर दिया है कि उसने परमाणु सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया, और भूकंप को मिसाइल हमलों से जोड़ने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।नूर खान एयरबेस का विध्वंस पाकिस्तान के लिए एक रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक हार साबित हुआ है, और यह भारत की बढ़ती सैन्य ताकत का एक स्पष्ट प्रमाण है। 'ऑपरेशन सिंदूर' ने न केवल पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि भारत की "शून्य सहिष्णुता" की नीति को भी दुनिया के सामने मजबूती से रखा है। किराना हिल्स पर हमले की अटकलें भले ही अनसुलझी रहें, लेकिन भारत की सैन्य कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।