Atomic Reactor: खत्म हुआ 20 साल का वनवास, भारत में परमाणु रिएक्टर बनाएगी अमेरिकी कंपनी,टाटा समेत तीन कंपनियां करेंगी काम पूरा

Atomic Reactor:20 साल बाद होल्टेक एशिया, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड , और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड जैसी तीन कंपनियाँ भारत में परमाणु रिएक्टर बनाने और डिजाइन करने का काम करेंगी।

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खत्म हुआ 20 साल का वनवास- फोटो : social Media

Atomic Reactor: 20 साल बाद, अमेरिकी कंपनी होल्टेक इंटरनेशनल को भारत में परमाणु रिएक्टर बनाने और डिजाइन करने की अनुमति मिल गई है। यह मंजूरी 26 मार्च 2025 को अमेरिकी ऊर्जा विभाग  द्वारा दी गई थी। इस परियोजना के तहत, होल्टेक एशिया, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड , और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड जैसी तीन भारतीय कंपनियाँ शामिल होंगी।

यह मंजूरी भारत और अमेरिका के बीच 2004 में हुए नागरिक परमाणु समझौते का एक महत्वपूर्ण परिणाम है। इस समझौते के तहत, होल्टेक को छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर तकनीक ट्रांसफर करने की अनुमति मिली है, जो कि भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकती है। यह तकनीक केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाएगी, और इसका इस्तेमाल किसी भी सैन्य या परमाणु हथियारों के निर्माण में नहीं किया जाएगा

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होल्टेक का SMR-300 डिज़ाइन अमेरिका के ऊर्जा विभाग के एडवांस्ड रिएक्टर डेमॉन्स्ट्रेशन प्रोग्राम द्वारा समर्थित है। यह छोटे रिएक्टरों के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। वर्तमान में, भारत का परमाणु कार्यक्रम मुख्य रूप से भारी पानी रिएक्टरों पर आधारित है, जबकि SMR तकनीक अधिक आधुनिक और सुरक्षित मानी जाती है।

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होल्टेक ने पहले से ही पुणे में एक इंजीनियरिंग यूनिट और गुजरात में एक निर्माण यूनिट स्थापित कर रखी है। इस नई परियोजना से स्थानीय रोजगार बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो होल्टेक अपनी उत्पादन क्षमता को दोगुना करने की योजना बना सकती है।

इस समझौते से भारत को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिससे देश अपने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल कर सकेगा। इसके अलावा, यह कदम चीन जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में भी मदद करेगा, जो छोटे रिएक्टरों के क्षेत्र में अग्रसर हैं।