Delhi blast: 14 साल बाद फिर दहल गई दिल्ली, लाल क़िले की दहलीज पर मौत का तांडव, बिखर गए सड़क पर कटा हाथ-फेफड़ा, शव देख सिहर गए डॉक्टर , देशभर में हाई अलर्ट

लालकिला ब्लास्ट में 2 महिलाओं सहित 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 24 से ज़्यादा लोग घायल हैं। कई लोग इतनी बुरी तरह झुलस गए कि पहचान मुश्किल हो गई।

Delhi blast: 14 साल बाद फिर दहल गई दिल्ली,  लाल क़िले की दहल
14 साल बाद फिर दहल गई दिल्ली- फोटो : social Media

Delhi blast: दिल्ली की शाम ख़ामोश नहीं थी, हवा में सिक्योरिटी सायरनों की आवाज़ गूंज रही थी, और लोगों की आँखों में दहशत साफ़ झलक रही थी। सोमवार को ठीक 6 बजकर 52 मिनट पर, लाल क़िला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के बाहर खड़ी आई-20 कार में ऐसा ज़ोरदार धमाका हुआ कि पूरा इलाका काँप उठा। तेज़ धमाके से हवा में धुआँ उठता दिखा, लोग चीखते हुए भागे, और देखते-देखते सड़क खून और अफरातफरी के मंजर में बदल गई।

इस दर्दनाक वारदात में 2 महिलाओं सहित 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 24 से ज़्यादा लोग घायल हैं। कई लोग इतनी बुरी तरह झुलस गए कि पहचान मुश्किल हो गई। किसी का शरीर दूर फेंक गया, तो किसी के अंग सड़क पर बिखरे पड़े थे। मरने वालों की उम्र 21 से 58 साल के बीच बताई जा रही है।

जांच में सामने आया कि विस्फोट कार के रियर हिस्से में हुआ। धमाका इतना भयानक था कि आवाज़ एक किलोमीटर तक सुनाई दी। आसपास खड़ी 6 कारें, 2 ई-रिक्शा, और 1 ऑटो आग की लपटों में जलकर राख हो गए। चांदनी चौक से लेकर लाल क़िले तक दुकानदार दहशत में दुकानें बंद कर भागते नज़र आए।

जिस कार में धमाका हुआ, वो गुरुग्राम के सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। सलमान का कहना है कि उसने कार पुलवामा के तारिक को बेची थी। अब तारिक फ़रार है, और पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। धमाके को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियाँ आत्मघाती हमले के एंगल से भी जांच कर रही हैं, हालांकि आरडीएक्स के निशान मौके से नहीं मिले। फिर भी देशभर के बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, जयपुर को हाई अलर्ट पर डाल दिया गया है।

धमाके के कुछ ही मिनटों बाद घायलों और शवों को एलएनजेपी अस्पताल लाया गया। अस्पताल घटना स्थल से सिर्फ ढाई किलोमीटर दूर था, इसलिए सबसे पहले वहीं मरीज पहुंचे।

अस्पताल की इमरजेंसी में अचानक लाशों और घायलों की बाढ़ आ गई। कई शव क्षत-विक्षत अवस्था में थे। अस्पताल प्रशासन ने तत्काल मास कैजुअल्टी घोषित कर डॉक्टरों, नर्सों और बर्न स्पेशलिस्ट को ड्यूटी पर बुलाया।

एक डॉक्टर ने बताया कि कई मरीजों की हालत बेहद नाज़ुक है। एक का पैर कट चुका है, किसी की आंख और दिमाग पर गंभीर चोट है, कई पूरी तरह झुलस गए।यहाँ तक कि धमाके की आवाज़ से ही एक व्यक्ति को हार्ट अटैक हो गया। अस्पताल के बाहर परिजनों की चीखें और बेबसी का दर्द दिल दहला रहा था।

दमकल विभाग ने लगभग 37 मिनट तक आग से लड़ाई लड़ी। आखिर 7:29 बजे तक आग बुझा दी गई, पर तब तक कई गाड़ियाँ खाक हो चुकी थीं। मौके पर बची रह गई सिर्फ जलती रबर की बदबू, धुआँ, और टूटे शीशों की आवाज़।

रात करीब साढ़े नौ बजे गृहमंत्री अमित शाह खुद एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे, घायलों से मिले, डॉक्टरों से बात की। इसके बाद वे घटनास्थल पर गए और जाँच एजेंसियों को हर एंगल से जांच का आदेश दिया।सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूरी घटना पर लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

दिल्ली धमाके के तुरंत बाद राजस्थान बॉर्डर पर पाकिस्तान ने एयरफोर्स की पेट्रोलिंग तेज कर दी। पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारी इमरजेंसी मीटिंग में जुटे, और रातभर पीएम शहबाज़ शरीफ़, NSA व DG ISI मीटिंग करते रहे। इससे खुफिया एजेंसियाँ नई आशंकाओं में जुट गई हैं।

नतीजा साफ़ है दिल्ली फिर घायल है, देश सवालों से भरा है, और जनता दहशत की छाया में।कौन था गाड़ी में? किसने प्लान किया? मकसद क्या था?जवाब मिलना बाकी है, लेकिन जाँच एजेंसियाँ अलर्ट पर हैं और देश फिर एक बार चौंक कर जागा है।