वक्फ कानून-सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं की सुनवाई पर फैसला ,जानें क्या बोले मुख्य न्यायाधीश

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सोमवार को सहमति दी।

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वक्फ कानून-सुप्रीम कोर्ट - फोटो : social Media

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सोमवार को सहमति दी। भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा प्रस्तुत तर्कों पर ध्यान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि इन याचिकाओं की तात्कालिक सुनवाई की आवश्यकता है। 

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस मामले की सुनवाई के संबंध में कहा कि वह याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर निर्णय लेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मामलों को उचित समय पर सुना जाएगा।

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वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें इसे असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि यह कानून मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और संविधान के अनुच्छेद 14, 25, और 26 का उल्लंघन करता है।

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी याचिका में उल्लेख किया है कि यह कानून "देश के संविधान पर एक प्रत्यक्ष आक्रमण है।" संविधान अपने नागरिकों को न केवल समान अधिकार प्रदान करता है, बल्कि उन्हें पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता भी सुनिश्चित करता है। जमीयत ने कहा, "यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता को छीनने की एक गंभीर साजिश है, इसलिए हमने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसके साथ ही, जमीयत उलेमा-ए-हिंद की राज्य इकाइयां भी अपने-अपने राज्यों के उच्च न्यायालय में इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देंगी।

सुप्रीम कोर्ट में दायर ये याचिकाएं विभिन्न मुस्लिम संगठनों और राजनीतिक नेताओं द्वारा प्रस्तुत की गई हैं, जो इस विधेयक को चुनौती दे रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह दोपहर में उल्लेख पत्र देखेंगे और इसके आधार पर सुनवाई की व्यवस्था करेंगे।