Property donated - बेटियों ने सैनिक पिता को किया अपमानित, नाराज बाप ने चार करोड़ की संपत्ति कर दी दान, सब देखते रह गए

Property donated - बेटियों से अपमानित होने के बाद सेना से रिटायर जवान ने बड़ा फैसला लेते हुए अपनी चार करोड़ की संपत्ति मंदिर को दान कर दी। पिता के फैसले की सभी तारीफ कर रहे हैं, जानें कहां का है मामला

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N4N Desk - बेटियां अपने पिता के सबसे  करीब होती है। लेकिन इन्हीं बेटियों ने पिता को इतना अपमानित किया कि परेशान होकर उन्होंने अपनी चार करोड़ की संपत्ति उन्हें देने से मना कर दिया और उसे मंदिर को दान में दे दिया। अब पिता  की संपत्ति हासिल करने के लिए बेटियों द्वारा कोशिश की जा रही है।

पूरा मामला तमिलनाडू से जुड़ा है. जहां तिरवन्नामलै जिले में सेना  से रिटायर हुए जवान एस. विजयन ने अपनी बेटियों से मिले अपमान के बाद उन्हें सबक खिखाने के लिए यह कड़ा फैसला  लिया। 

मंदिर को दिया गुप्त  दान

उन्होंने अपनी चार करोड़ की संपत्ति अरुलमिगु रेनुगम्बाल अम्मन मंदिर को दान में दे दी। मंदिर प्रशासन के अनुसार, 24 जून को जब मंदिर की दान पेटी खोली गई तो उसमें सिक्कों और नोटों के साथ दो मूल संपत्ति दस्तावेज भी पाए गए। एक संपत्ति 3 करोड़ की और दूसरी 1 करोड़ की थी। इसके साथ ही एक पत्र भी था, जिसमें विजयन ने स्पष्ट लिखा था कि उन्होंने स्वेच्छा से मंदिर को यह संपत्ति समर्पित की है।

अरुलमिगु रेनुगम्बाल अम्मन मंदिर के पक्के भक्त

बताया गया कि विजयन अरनी के पास केसवपुरम गांव के रहने वाले हैं। वह रेनुगम्बाल अम्मन के कट्टर भक्त माने जाते हैं। मंदिर अधिकारियों की जांच में पता चला कि वह पिछले 10 वर्षों से अकेले रह रहे थे। पत्नी से उनके मतभेद थे।

बेटियों की उनकी संपत्ति पर थी नजर

 हाल के महीनों में उनकी बेटियां उन्हें संपत्ति सौंपने के लिए दबाव डाल रही थीं और रोजमर्रा की जरूरतों को लेकर भी अपमान कर रही थीं। विजयन ने कहा, “मेरे बच्चों ने मुझे मेरे खुद के खर्च के लिए भी ताना दिया। अब मैं यह संपत्ति उस देवी को सौंप रहा हूं, जिसने मुझे जीवन भर संबल दिया। दान की गई संपत्तियों में 10 सेंट जमीन मंदिर के पास स्थित है। एक एक मंजिला मकान, जिसकी कीमत करीब 4 करोड़ है।

दान की संपत्ति पर क्या है नियम

 हालांकि दान में संपत्ति मिलने के बाद भी यह मंदिर का नहीं माना जा सकता है। मंदिर के कार्यकारी अधिकारी एम. सिलंबरासन ने बताया कि जब तक दाता विधिवत रजिस्ट्रेशन विभाग के साथ पंजीकरण नहीं करते, मंदिर को कानूनी अधिकार नहीं मिलेगा।” इसलिए अभी के लिए ये दस्तावेज हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के पास सुरक्षित रखे गए हैं। वरिष्ठ अधिकारी इस पर निर्णय लेंगे कि इन्हें कैसे आगे बढ़ाया जाए। 

बेटियां संपत्ति वापस लेने की कोशिश में जुटी

अब जब यह मामला सार्वजनिक हो गया है तो विजयन की बेटियां कथित रूप से संपत्ति को वापस पाने के प्रयास कर रही हैं। लेकिन विजयन ने साफ कहा, “मैं अपने फैसले से पीछे नहीं हटूंगा। मंदिर से बात कर मैं कानूनी प्रक्रिया पूरी करूंगा।