N4N DESK : मणिपुर में करीब दो सालों से जारी हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल से मिलकर मुख्यमंत्री ने अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया है। बता दें की कुकी और मिताई जनजाति के बीच हिंसा से करीब 2 सालों से मणिपुर सुलग रहा है। मणिपुर के बड़े इलाके में आए दिन हिंसक झड़प हत्या की खबरें सामने आती रही है।
इसके पहले भी बीरेन सिंह पर कई बार इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया था। उनके ऊपर लगातार मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच 100 से ज्यादा लोगों की जान जाने के बाद इस्तीफा देने का दबाव था। सदन के कई सत्रों में भी मणिपुर के मुख्यमंत्री को लेकर खूब हंगामा होता रहा। कांग्रेस ने अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था की मणिपुर के मामले पर पीएम मोदी कुछ क्यों नहीं बोल रहे और उन्हें वहां के मुख्यमंत्री का इस्तीफा लेने से इतना डर क्यों लग रहा है। आपको बता दें की साल 2023 के अप्रैल में महीने में मणिपुर में जो हिंसा शुरू हुई। वह आज भी लगातार जारी है। हालांकि केंद्र सरकार और राज्य सरकार इसे कंट्रोल करने का दावा करती रही है।
गौरतलब है की 64 साल के एन बीरेन सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री के पद पर 2017 से काबिज है। बीरेन सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2002 में क्षेत्रीय पार्टी डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी से जुड़कर कि वे राज्य की हेनगांग विधानसभा सीट से विधायक 2002 में बने थे। बीरेन सिंह थोड़ी देर पहले ही बीजेपी सांसद संबित पात्रा, मणिपुर सरकार के मंत्री और विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे थे। इस फैसले से पहले बीरेन सिंह ने आज ही दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। जबकि कल से मणिपुर विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत होनेवाली थी। इसके पहले भी बीरेन सिंह ने इस्तीफा सौंप दिया है।