Tahawwur Rana Extradition - 17 साल बाद भारत लाया गया मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा, हमले से जुड़े कई छिपे चेहरे होंगे बेनकाब

Tahawwur Rana Extradition - मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यार्पण पूरा हो गया है। गुरुवार को एनआईए की टीम राणा को लेकर पटना पहुंची। जहां अब मुंबई हमले से जुड़े मामले में नए सिरे से जांच शुरू हो सकती है।

Tahawwur Rana Extradition  - 17 साल बाद भारत लाया गया मुंबई
भारत लाया गया तहव्वुर राणा- फोटो : NEWS4NATION

New Delhi  - 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा की प्रत्यर्पण को एनआईए ने सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। गुरुवार शाम राणा को लेकर एनआईए की टीम भारत पहुंची। यूएस स्काई मार्शल 'यूएसडीओजे' की सक्रिय सहायता से, एनआईए ने पूरी प्रत्यर्पण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक तरीके से अंजाम दिया है। जिसमें एनआईए ने अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों, एनएसजी, भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के साथ मिलकर काम किया। अब एनआईए सहित कई एजेंसियां, राणा से पूछताछ करेंगी। माना जा रहा है कि अब मुंबई हमले को लेकर कुछ नए खुलासे हो सकते हैं।

प्रत्यर्पण रोकने के लिए राणा की तमाम कोशिश नाकाम

एनआईए की मानें राणा को भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत शुरू की गई कार्यवाही के तहत अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था। इस दौरान उसने अपना प्रत्यर्पण रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते आजमाने की कोशिश की, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली और आखिरकार उसका प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया। 

बता दें कि कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के जिला न्यायालय ने 16 मई 2023 को उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। इसके बाद राणा ने नौवें सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में कई मुकदमे दायर किए, जिनमें से सभी खारिज कर दिए गए। इसके बाद उसने यू.एस. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक रिट ऑफ सर्टिओरी, दो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं और एक आपातकालीन आवेदन दायर किया, जिन्हें भी खारिज कर दिया गया। 

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तहव्वुर राणा पर  डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी और नामित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) के गुर्गों के साथ-साथ अन्य पाकिस्तान स्थित सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर 2008 में मुंबई में विनाशकारी आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है। 

भारत सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एलईटी और एचयूजेआई दोनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। ऐसे में तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण को भारतीय जांच एजेंसी के लिए बड़ी कामयाबी है।