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इतना एकड़ जमीन जरूरी है अब विश्विद्यालय खोलने के लिए, UGC ने जरूरी भूमि सीमा घटाई जानिए और कितने नियम बदले..

यूजीसी ने पहली बार विश्वविद्यालयों के लिए भूमि की नई आवश्यकताएं जारी की हैं, जिसमें न्यूनतम 20 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। 2040 तक सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को मल्टीडिसिप्लनरी में बदला जाएगा।

इतना एकड़ जमीन जरूरी है अब विश्विद्यालय खोलने के लिए, UGC ने जरूरी भूमि सीमा घटाई जानिए और कितने नियम बदले..
UGC- फोटो : social media

UGC News: यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) की उच्चस्तरीय समिति ने पहली बार विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए भूमि आवश्यकताओं से जुड़े नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के तहत, अब विश्वविद्यालयों के लिए आवश्यक भूमि सीमा घटाकर 20 एकड़ कर दी गई है, जो पहले 40-60 एकड़ हुआ करती थी। इन नए नियमों का उद्देश्य अधिक संस्थानों की स्थापना में सहूलियत प्रदान करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

विश्वविद्यालय के लिए 20 एकड़ जमीन आवश्यक

यूजीसी के नए दिशा-निर्देशों के तहत, अब एक विश्वविद्यालय के लिए 20 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी, जिसमें से 40% हिस्सा खुला क्षेत्र होगा। इससे पहले, विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए 40-60 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती थी। वहीं, केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए 500 एकड़ जमीन जरूरी थी। नए नियमों के अनुसार, महानगरों और पहाड़ी क्षेत्रों में विश्वविद्यालय के लिए 10 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी, जिसमें से तीन एकड़ पर हरियाली होगी।

शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए खुला क्षेत्र अनिवार्य

यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने बताया कि इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालयों में खुले क्षेत्र अनिवार्य होंगे। इन क्षेत्रों में हरियाली, घूमने और बैठने की जगह, योग केंद्र और जिम बनाए जाएंगे, ताकि विद्यार्थियों की शारीरिक और मानसिक सेहत का भी ध्यान रखा जा सके।

मल्टीडिसिप्लनरी संस्थानों की दिशा में कदम

यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, वर्ष 2040 तक देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को मल्टीडिसिप्लनरी यानी बहुविषयक संस्थानों में बदला जाएगा। इसके तहत, दूरदराज के क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए 2035 तक हर जिले में कम से कम एक बहुविषयक संस्थान स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत, 2035 तक सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrollment Ratio) को 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य है, जिससे उच्च शिक्षा अधिकाधिक लोगों तक पहुंच सके।

यूजीसी के नए दिशा-निर्देश 

यूजीसी के नए दिशा-निर्देश देश में उच्च शिक्षा के संस्थानों की स्थापना और संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इनसे न केवल विश्वविद्यालयों को स्थापित करना आसान होगा, बल्कि विद्यार्थियों को अधिक खुली और स्वस्थ वातावरण में पढ़ाई का अवसर मिलेगा। साथ ही, मल्टीडिसिप्लनरी शिक्षा की ओर कदम उठाना देश की शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

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