भारत और पाकिस्तान में अब की-बोर्ड से वार...साइबर हमलो को भारत ने किया ध्वस्त, जानें क्या है Road of Sindoor?
'Road of Sindoor' रिपोर्ट में साइबर हमलों के खिलाफ आक्रामक नीति अपनाते हुए भारत ने पाकिस्तान समर्थित 7 हैकिंग ग्रुप्स की पहचान की है. 15 लाख में से केवल 150 साइबर हमलों के सफल होने से साबित होता है कि भारत का डिजिटल सुरक्षा कवच

N4N डेस्क: पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच भले ही सैन्य संघर्ष थम गया हो और सीजफायर पर सहमति बन गई हो, लेकिन साइबर मोर्चे पर खतरा अभी भी मंडरा रहा है.पाकिस्तान की ओर से बार-बार हो रहे साइबर हमलों और पहालगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाब देने की नीति में बड़ा बदलाव किया है. Road of Sindoor नामक एक रिपोर्ट यह उजागर किया गया है कि भारत कैसे एक सुनियोजित और डेटा-संपन्न तरीके से अपने डिजिटल मोर्चों की सुरक्षा कर रहा है और दुश्मनों को तकनीकी रूप से मात दे रहा है.महाराष्ट्र साइबर विभाग द्वारा जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की 15 लाख से अधिक वेबसाइट्स को निशाना बनाने की कोशिश की गई, लेकिन इनमें से सिर्फ 150 अटैक ही सफल हो पाए. इसका सीधा मतलब है कि भारत की साइबर सुरक्षा प्रणाली अब केवल एक डिफेंस लाइन नहीं, बल्कि दुश्मनों को चेतावनी देने वाला कवच बन चुकी है. साइबर योद्धाओं ने यह दिखा दिया कि डिजिटल भारत को छेड़ना अब आसान नहीं रहा.
क्या है Road of Sindoor' ?
महाराष्ट्र साइबर विभाग की एक अहम खुफिया रिपोर्ट है, जो भारत के खिलाफ हो रहे अंतरराष्ट्रीय साइबर हमलों की विस्तृत पड़ताल करती है. यह रिपोर्ट ऐसे वक्त पर आई है जब पहल्गाम आतंकी हमले और इसके बाद भारत की वेबसाइट्स पर हुए लगातार साइबर हमलों ने देश की डिजिटल सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी थी. इस रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया गया है कि भारत को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान और उसके सहयोगी देशों ने कैसे एक सुनियोजित साइबर वॉरफेयर छेड़ रखा है.
भारतीय वेबसाइट्स हैं सुरक्षित
रिपोर्ट का फोकस केवल हमलों पर नहीं, बल्कि भारत की प्रतिक्रिया पर भी है. इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और पश्चिम एशिया से हमलों की निरंतरता के बावजूद भारत की वेबसाइट्स सुरक्षित हैं. इससे यह भी संकेत मिलता है कि भारत केवल तकनीकी जवाब ही नहीं दे रहा, बल्कि संभावित हमलों की भविष्यवाणी करके उन्हें रोकने की दिशा में भी काम कर रहा है. इस प्रक्रिया में GPS ट्रैकिंग, मैलवेयर डिटेक्शन और DDoS अटैक्स को रोकने के लिए AI आधारित तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है.
सात अंतरराष्ट्रीय हैकिंग ग्रुप्स की हुई पहचान
‘Road of Sindoor’ रिपोर्ट की अहमियत इस बात में है कि इसमें सात अंतरराष्ट्रीय हैकिंग ग्रुप्स की पहचान की गई है, जिनमें ‘APT 36’, ‘Team Insane PK’ और ‘Cyber Force 1337’ जैसे पाकिस्तान समर्थित साइबर संगठनों के नाम सामने आए हैं. यह रिपोर्ट न केवल साइबर युद्ध की सच्चाई को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारत अब वैश्विक साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक गंभीर खिलाड़ी बन चुका है.
डिजिटल किले में सेंध लगाने का ख्वाब
इससे पहले 'Echoes of Pahalgam' रिपोर्ट में भी भारत ने आतंक और तकनीक के मेल से उपजे खतरे को लेकर गहरी चिंता जताई थी. लेकिन अब 'Road of Sindoor' भारत की एक नई साइबर नीति का प्रतीक बनकर सामने आई है. एक ऐसी नीति जिसमें जवाब नहीं, बल्कि रणनीतिक जीत की तैयारी है. पाकिस्तान और उसके सहयोगी देशों को अब यह समझना होगा कि भारत के डिजिटल किले में सेंध लगाना अब महज एक ख्वाब बन कर रह जाएगा.