Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर में पाक गोलाबारी में मारे गए नागरिकों के परिजनों को मिलेगा ₹10 लाख का मुआवजा, CM उमर अब्दुल्ला का ऐलान
Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलाबारी से मारे गए नागरिकों के परिजनों को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 10 लाख रुपए अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि पाकिस्तान की गोलाबारी में मारे गए सभी नागरिकों के परिवारों को ₹10-10 लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी। ये घोषणा ऐसे समय में आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है, और लगातार हो रही गोलाबारी में अब तक कम से कम 20 लोगों की जान जा चुकी है।
पुंछ और उरी में सबसे ज़्यादा नुकसान
चार दिन से जारी गोलीबारी में पुंछ जिले में बुधवार को 12 नागरिकों की मौत हुई, जबकि शुक्रवार को उरी और पुंछ में दो और लोगों की जान चली गई। शनिवार सुबह की ताजा घटना में राजौरी जिले में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सहित पांच अन्य नागरिकों की मौत हो गई। मृतकों में शामिल हैं राजौरी के अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त, जो गोलाबारी की चपेट में आ गए।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर जताया दुख
उमर अब्दुल्ला ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पाकिस्तान की ओर से हाल ही में की गई गोलाबारी के कारण निर्दोष लोगों की जान जाने से मुझे गहरा दुख हुआ है। मेरी सरकार हमारे लोगों की कठिनाई को कम करने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है।”मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि यह मुआवजा सहानुभूति और समर्थन का प्रतीक है। उमर अब्दुल्ला ने कहा,''हालांकि कोई भी मुआवजा किसी प्रियजन की जगह नहीं ले सकता, लेकिन हम इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा तनाव
उल्लेखनीय है कि यह सीमा तनाव 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। भारत ने इसके जवाब में 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से जम्मू, उरी, पुंछ, राजौरी सहित कई क्षेत्रों में सैन्य और नागरिक ठिकानों पर गोलाबारी की जा रही है।
सरकार ने जताई एकजुटता
सरकार द्वारा यह मुआवजा न केवल पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देगा, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट नीति और मानवीय समर्थन का संकेत भी है। इस फैसले को नागरिकों ने सराहा है और उम्मीद जताई है कि सीमा पर जल्द ही शांति स्थापित होगी।