Pahalgam attack:ढूंढो और मारो,अमेरिका का साफ संदेश, पाकिस्तान से निपटने में भारत को खुली छूट, ब्रिटेन- फ्रांस-नीदरलैंड-इजराइल-इटली-जापान भी साथ

Pahalgam attack:पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ दुनियाभर के अनेक नेता भारत के पक्ष में खड़े हैं और पीएम नरेंद्र मोदी से इस घटना पर चर्चा कर रहे हैं। इस चर्चा से स्पष्ट हो गया है कि अब पाकिस्तान के कठिन दिन शुरू होने वाले हैं।

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पाकिस्तान से निपटने में भारत को खुली छूट- फोटो : Reporter

Pahalgam attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए अटारी सीमा को बंद कर दिया और सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया। इस बीच, अमेरिका ने साफ संदेश दिया है कि वह भारत के खिलाफ आतंकवाद के मुद्दे पर पूरी तरह से भारत के साथ है और पाकिस्तान से निपटने में भारत को किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए बाधा नहीं बनेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों ने इसे स्पष्ट कर दिया है कि भारत को "ढूंढो और मारो" की नीति पर अमल करने की खुली छूट है।

अमेरिका भारत के साथ खड़ा

पहलगाम हमले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने 25 अप्रैल 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और आतंकवाद के हर कृत्य की कड़ी निंदा करता है। हम पहलगाम हमले में मारे गए और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।" यह बयान उस समय आया जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बारे में सवाल उठाया, जिसे ब्रूस ने साफ तौर पर टाल दिया और कहा कि वह इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगी। 

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 भारत को "इस्लामिक आतंकवाद" के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का समर्थन

इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। ट्रंप ने कहा, "भारत और पाकिस्तान को अपने मुद्दों का हल निकालना होगा, लेकिन अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ है।" यह बयान इस बात का संकेत है कि अमेरिका भारत की किसी भी जवाबी कार्रवाई, जैसे सर्जिकल स्ट्राइक या अन्य सैन्य कदम, में हस्तक्षेप नहीं करेगा। अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने भी भारत को "इस्लामिक आतंकवाद" के खिलाफ लड़ाई में पूर्ण समर्थन देने का वादा किया है।

पाकिस्तान को चेतावनी: F-16 का इस्तेमाल नहीं

अमेरिका ने पाकिस्तान को यह भी चेतावनी दी है कि वह अपने F-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किसी भी युद्ध में नहीं कर सकता। यह शर्त अमेरिका ने पाकिस्तान को F-16 बेचते समय ही रखी थी। हाल ही में, ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान से उसके F-16 विमानों की संख्या की जानकारी मांगी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों पर नजर रख रहा है। यह कदम पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि F-16 उसकी वायुसेना का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

भारत की जवाबी रणनीति

पहलगाम हमले की FIR में साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि यह हमला पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं के इशारे पर हुआ था। आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा, पैंट उतरवाकर खतना की जांच की, और हिंदुओं को निशाना बनाया। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है, जिसे पाकिस्तानी सेना और ISI का समर्थन प्राप्त है। इस हमले से पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने कश्मीर को "पाकिस्तान की गर्दन की नस" बताते हुए भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहरीली बयानबाजी की थी, जिसे विश्लेषकों ने आतंकियों को उकसाने की साजिश माना है।

सर्जिकल स्ट्राइक या बालाकोट जैसी एयरस्ट्राइक की रणनीति पर विचार

भारत ने इस हमले के बाद कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कड़े कदम उठाए हैं। अटारी सीमा बंद करने और सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के अलावा, भारतीय सेना ने LoC पर हाई अलर्ट जारी किया है। खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान में 42 आतंकी लॉन्च पैड्स की पहचान की है, जिनमें नॉन-मिरान शाह, मानसेहरा, मंगला, रावलकोट और मुरीदके शामिल हैं। भारत सर्जिकल स्ट्राइक या बालाकोट जैसी एयरस्ट्राइक की रणनीति पर विचार कर रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है। 24 अप्रैल 2025 को बिहार के मधुबनी में पंचायती राज दिवस के दौरान उनके संबोधन में गंभीर माहौल देखा गया, जिससे संकेत मिलता है कि भारत कोई बड़ा कदम उठा सकता है।

पाकिस्तान पर दबाव, भारत को समर्थन

अमेरिका की यह नीति कई कारणों से महत्वपूर्ण है। पहला, अमेरिका ने हाल के वर्षों में पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को सीमित किया है। 2024 में अमेरिका ने पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम पर चिंता जताई थी, जिसमें लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास की बात शामिल थी। दूसरा, अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका का भरोसा खो दिया है, जैसा कि पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी आदिल रजा ने उजागर किया है। 

पाकिस्तान आर्थिक रुप से कंगाल

पाकिस्तान की आर्थिक और सैन्य स्थिति भारत के सामने कमजोर है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार 4.3 अरब डॉलर के निचले स्तर पर है, जो एक महीने के आयात के लिए भी पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की अमेरिका और चीन के बीच डबल गेम खेलने की कोशिश भी नाकाम रही है। पाकिस्तान की परमाणु धमकियां भी उसकी सैन्य कमजोरी को छिपाने की रणनीति मानी जा रही हैं, जैसा कि 1993 की CIA रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि पाकिस्तानी सेना भारत की पारंपरिक सैन्य शक्ति से हार सकती है।

भारत को  अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन 

अमेरिका का साफ सिग्नल भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। पहलगाम हमले के बाद भारत को न केवल आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की खुली छूट मिली है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन भी हासिल हुआ है। पाकिस्तान की धमकियां और आतंकी साजिशें उसकी हताशा को दर्शाती हैं, जबकि भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत उसे क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करती है। अब सबकी नजर भारत की अगली कार्रवाई पर टिकी है, जो "ढूंढो और मारो" की नीति के तहत पाकिस्तान को करारा जवाब दे सकती है।

ब्रिटेन, फ्रांस ,नीदरलैंड,इजराइल,इटली, श्रीलंका का भारत को समर्थन

बता दें ब्रिटिश प्रधानमंत्री केयर स्टॉर्मर ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बातचीत की। उन्होंने पहलगाम हमले को 'बर्बर' बताते हुए कहा कि ब्रिटेन इस दुखद समय में भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने भी पीएम मोदी से फोन पर बात की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन करने की बात कही। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय ने गुरुवार को मोदी से फोन पर बात की थी। सभी ने भारत में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन किया है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने भी गुरुवार को पीएम मोदी को फोन किया था।


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