Pahalgam Attack:पहलगाम हमले का चौंकाने वाला खुलासा, पाकिस्तानी सेना का पूर्व कमांडो मूसा निकला आतंकी साजिश का मास्टरमाइंड!

Pahalgam Attack: पहलगाम हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकवाद को पनाह देने वाले चेहरे को बेनकाब किया है। मूसा, जो पाकिस्तानी सेना का पूर्व SSG कमांडो है, इस हमले का प्रमुख चेहरा निकला।

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पहलगाम हमले का चौंकाने वाला खुलासा- फोटो : social Media

Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस हमले में 28 लोगों की जान गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, और कई अन्य घायल हुए। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा माना जाता है, ने ली। अब जांच में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है: इस हमले का प्रमुख साजिशकर्ता, जिसे कोड नेम "मूसा" से जाना जाता है, कोई और नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सेना का पूर्व स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) कमांडो है। 

पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, 22 अप्रैल 2025 को खून से लाल हो गया। बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। हमलावरों ने टूरिस्टों से उनका धर्म पूछा और फिर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि आतंकियों ने कुछ लोगों के कपड़े उतारकर उनके निजी अंगों की जांच भी की, जो 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले की याद दिलाता है। इस हमले में 28 लोग मारे गए, और पूरे देश में गम और गुस्से की लहर दौड़ गई।

जांच एजेंसियों ने हमले में शामिल आतंकियों की पहचान की, जिनमें तीन प्रमुख नाम सामने आए: आसिफ फौजी (उर्फ मूसा), सुलेमान शाह (उर्फ यूनुस), और अबू तल्हा (उर्फ आसिफ)। इनमें से मूसा, जिसे हाशिम मूसा के नाम से भी जाना जाता है, इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता निकला। चौंकाने वाली बात यह है कि मूसा पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व कमांडो है, जो पाकिस्तान की सबसे खतरनाक और प्रशिक्षित सैन्य इकाई मानी जाती है।

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मूसा का असली नाम आसिफ फौजी बताया जाता है, और वह लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा था। खुफिया सूत्रों के अनुसार, मूसा ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से हमले की योजना बनाई और अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स के निर्देश पर इसे अंजाम दिया। उसका सैन्य प्रशिक्षण और अनुभव इस हमले की क्रूरता और सुनियोजित प्रकृति को समझाता है।

जांच में पता चला कि पहलगाम हमले की साजिश PoK के रावलकोट में रची गई थी, जिसका मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर सैफुल्लाह कसूरी था। 18 अप्रैल 2025 को रावलकोट के खाई गाला में एक "श्रद्धांजलि सम्मेलन" हुआ, जिसमें लश्कर कमांडर अबू मूसा ने भारत के खिलाफ जिहाद और हिंसा की खुलेआम अपील की थी। इस सम्मेलन में हाफिज सईद का बेटा, जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मसूद अजहर का भाई तल्हा सैफ, और अन्य आतंकी चेहरे मौजूद थे। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस आयोजन को पाकिस्तानी प्रशासन का समर्थन प्राप्त था।

5 फरवरी 2025 को रावलकोट के शहीद साबिर स्टेडियम में आयोजित "कश्मीर सॉलिडेरिटी डे" के दौरान भी आतंकियों ने भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए थे। इन आयोजनों से साफ है कि पहलगाम हमला कोई अचानक की गई घटना नहीं थी, बल्कि महीनों की योजना का नतीजा थी।

मूसा के साथ-साथ अनंतनाग के आदिल हुसैन ठोकर का नाम भी इस हमले में प्रमुखता से सामने आया। आदिल, जो बिजबेहरा का रहने वाला है, 2018 में स्टूडेंट वीजा पर पाकिस्तान गया था। वहां वह लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में आया और आतंकी प्रशिक्षण लिया। 2024 में वह भारत लौटा और मूसा के साथ मिलकर पहलगाम हमले की साजिश रची। आदिल ने मूसा और अन्य आतंकियों को ठिकाना मुहैया कराया और हमले के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया। वह फिलहाल फरार है, और सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश में जुटी हैं।

पहलगाम हमले में पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद ने इस हमले को "पुलवामा 2" करार देते हुए सीधे तौर पर पाकिस्तानी सेना को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया कि हमलावरों में पाकिस्तानी SSG कमांडो शामिल थे।

पाकिस्तान के पूर्व सैनिक आदिल रजा ने सनसनीखेज दावा किया कि यह हमला पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के आदेश पर हुआ। रजा ने X पर लिखा कि पाकिस्तानी खुफिया विभाग के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है, लेकिन पाकिस्तान की जनता को इसकी भनक तक नहीं है।

PoK में 17 ट्रेनिंग कैंप और 37 लॉन्च पैड्स सक्रिय होने की खबरें भी सामने आई हैं, जहां सैकड़ों आतंकी भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं। ये सबूत पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों को उजागर करते हैं।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए। सरकार ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद कर दिया, और पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को निष्कासित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों और उनके समर्थकों को कड़ी सजा देने की बात कही।

पहलगाम हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकवाद को पनाह देने वाले चेहरे को बेनकाब किया है। मूसा, जो पाकिस्तानी सेना का पूर्व SSG कमांडो है, इस हमले का प्रमुख चेहरा निकला। PoK में रची गई साजिश, लश्कर-ए-तैयबा और ISI का समर्थन, और स्थानीय आतंकियों की मिलीभगत ने इस हमले को और भी खतरनाक बना दिया। 


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