Pahalgam Terror Attack 2025: अमरनाथ यात्रा से महज़ 8 किमी दूर आतंक का तांडव, 25 की मौत, आतंकियों की जांच में जुटी टीम
Pahalgam Terror Attack 2025: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 लोगों की मौत हुई। जानिए यह हमला अमरनाथ यात्रा मार्ग से कितनी दूरी पर हुआ और यात्रा पर इसका क्या असर पड़ेगा।

Pahalgam Terror Attack 2025: 22 अप्रैल 2025 की शाम को कश्मीर घाटी में फिर एक बार आतंक ने निर्दोषों को अपना निशाना बनाया। पहलगाम के बैसरन क्षेत्र में आतंकियों ने बर्बर हमला कर 25 लोगों की जान ले ली, जिनमें 2 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। इस हमले में 17 अन्य घायल हुए हैं और अब तक पूरा देश और दुनिया स्तब्ध है।
जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा को बीच में रोककर स्वदेश लौटने का निर्णय लिया, वहीं दुनियाभर के नेताओं ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। पर सवाल यह है कि जिस जगह हमला हुआ — वह अमरनाथ यात्रा के मुख्य रूट से कितनी दूर है, और इस हमले का अमरनाथ यात्रा पर क्या असर पड़ेगा?
बैसरन: अमरनाथ यात्रा से कितनी दूर है?
आतंकियों ने पहलगाम के बैसरन क्षेत्र को अपना निशाना बनाया, जो पर्यटकों के बीच "मिनी स्विट्ज़रलैंड" के नाम से मशहूर है। यह पहलगाम के नुनवान बेस कैंप से महज़ 7 से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।नुनवान बेस कैंप, अमरनाथ यात्रा का मुख्य पड़ाव है। यहीं से पहलगाम रूट द्वारा अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होती है, जो यात्रियों को चंदनवाड़ी होते हुए गुफा तक ले जाती है। यही कारण है कि इस आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा चिंताएं कई गुना बढ़ गई हैं।
अमरनाथ यात्रा रूट: दूरी और मुख्य पड़ाव
अमरनाथ यात्रा का पहलगाम रूट लगभग 47.5 किलोमीटर लंबा है और इसे पूरा करने में यात्रियों को तीन दिन लगते हैं। इस यात्रा का मार्ग निम्नलिखित है:
पहलगाम से चंदनवाड़ी (16 किलोमीटर)
चंदनवाड़ी से पिस्सू टॉप, फिर शेषनाग
शेषनाग से पंचतरणी और फिर पंचतरणी से अमरनाथ गुफा
इस रूट पर स्थित हर पड़ाव की रणनीतिक सुरक्षा व्यवस्था होती है, लेकिन बैसरन जैसे पर्यटन स्थलों की सुरक्षा आमतौर पर अधिक कठिन होती है, क्योंकि ये स्थान आम पर्यटकों और तीर्थयात्रियों दोनों के लिए खुले रहते हैं।
बैसरन में क्यों हुआ हमला?
बैसरन, पहलगाम से केवल कुछ किलोमीटर दूर एक खूबसूरत हरा-भरा मैदान है। यह क्षेत्र हमेशा से ही टूरिस्टों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है, जहां खच्चर की सवारी, पिकनिक और ट्रैकिंग गतिविधियाँ होती हैं। आतंकी संगठनों ने जानबूझकर इस क्षेत्र को निशाना बनाया ताकि पर्यटन को क्षति पहुंचाई जा सके। अमरनाथ यात्रा के रास्ते में डर का माहौल बनाया जा सके और कश्मीर घाटी की शांति प्रक्रिया को बाधित किया जा सके।
अब अमरनाथ यात्रा का क्या होगा?
यह कोई पहली बार नहीं है जब अमरनाथ यात्रा के आसपास आतंकी हमला हुआ हो। इससे पहले 2017 में भी आतंकियों ने यात्रा पर हमला कर 8 श्रद्धालुओं की हत्या की थी। अब इस हालिया हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अत्यधिक सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।