Supreme Court: सावरकर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार, कोर्ट ने दी ऐसी टिप्पणियों से बचने की सख्त चेतावनी
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाई है।

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाई है। यह मामला राहुल गांधी की उस कथित टिप्पणी से संबंधित है, जिसमें उन्होंने सावरकर को "अंग्रेजों का नौकर" और "पेंशन लेने वाला" बताया था। शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 को जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के बयान को गैर-जिम्मेदाराना और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाला माना। कोर्ट ने कहा कि सावरकर जैसे स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने देश की आजादी के लिए काला पानी की सजा काटी, उनकी छवि को धूमिल करने वाली टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं। कोर्ट ने टिप्पणी की, "उन्होंने हमें आजादी दिलाई और आप ऐसी बातें करते हैं। यह उचित नहीं है।"
कोर्ट ने राहुल गांधी को भविष्य में ऐसी टिप्पणियों से बचने की सख्त चेतावनी दी। बेंच ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक जीवन में नेताओं को अपने बयानों में संयम बरतना चाहिए, खासकर जब वे ऐतिहासिक व्यक्तित्वों से संबंधित हों। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह की टिप्पणियां सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकती हैं।
राहुल गांधी ने लखनऊ की एक अदालत द्वारा जारी समन और इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें राहत देने से इनकार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की गंभीरता को रेखांकित किया, लेकिन समन रद्द करने की मांग पर तत्काल कोई राहत नहीं दी। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने समयसीमा तय की और दोनों पक्षों से जवाब मांगा।
यह मामला लखनऊ के निवासी नृपेंद्र पांडेय की शिकायत पर आधारित है, जिन्होंने राहुल गांधी के सावरकर पर दिए गए बयानों को अपमानजनक और मानहानिकारक बताया। शिकायत के अनुसार, राहुल ने सावरकर को अंग्रेजों का समर्थक और पेंशन लेने वाला कहा, जो उनकी स्वतंत्रता सेनानी की छवि को नुकसान पहुंचाता है।
लखनऊ की एक अदालत ने राहुल गांधी को समन जारी किया था, जिसके खिलाफ उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की थी। हाई कोर्ट ने 5 अप्रैल 2025 को उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।एक अन्य संबंधित मामले में, पुणे की एक अदालत ने राहुल गांधी को सावरकर मानहानि मामले में समन को ट्रायल में बदलने की अनुमति दी थी, जिससे वे ऐतिहासिक तथ्यों को अदालत में पेश कर सकते हैं।