Political News:स्वीडिश कंपनी के बिचौलिए थे राजीव गांधी! लड़ाकू विमान सौदे से सोवियत फंडिंग तक, बीजेपी सांसद का गांधी परिवार पर इतिहास के पन्नों से उठाया विस्फोटक हमला

Political News:भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौते के गंभीर आरोपों को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। इस बार निशाने पर हैं भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्री—इंदिरा गांधी और राजीव गांधी।

Nishikant Dubey
स्वीडिश कंपनी के बिचौलिए थे राजीव गांधी!- फोटो : social Media

Political News:भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौते के गंभीर आरोपों को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है। इस बार निशाने पर हैं भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्री—इंदिरा गांधी और राजीव गांधी। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने विकीलीक्स के हवाले से दावा किया है कि 1970 के दशक में स्वीडिश कंपनी साब-स्कैनिया द्वारा भारत को विगेन लड़ाकू विमान बेचने के सौदे में राजीव गांधी ‘बिचौलिए’ की भूमिका में थे। उन्होंने कहा कि यह जानकारी अमेरिकी सरकार को स्वीडन के एक राजनयिक ने दी थी और इसका खुलासा 2013 में विकीलीक्स के दस्तावेजों से हुआ था।

दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रक्षा सौदों में अत्यधिक हस्तक्षेप किया, जिससे न केवल पारदर्शिता प्रभावित हुई बल्कि राष्ट्रीय हितों से भी समझौता हुआ। सवाल यह भी उठाया गया कि जब यह जानकारी 2013 में सामने आई, तब यूपीए सरकार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीडन या अमेरिका से कोई स्पष्टीकरण क्यों नहीं मांगा।

इससे पहले भी दुबे ने गांधी परिवार पर सोवियत संघ से संबंध रखने और विदेशी आर्थिक मदद लेने का गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के दस्तावेजों और पूर्व अमेरिकी राजदूत मोयनिहान की किताब का हवाला देते हुए दावा किया कि इंदिरा गांधी को सोवियत संघ से फंडिंग मिली थी और 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को आर्थिक लाभ पहुंचाया गया था।

यह घटनाक्रम केवल इतिहास के कुछ दस्तावेजों की पुनरावृत्ति नहीं है, बल्कि भारत की राजनीतिक विरासत, विदेशी प्रभाव और पारदर्शिता के सवालों को आज के संदर्भ में भी उठाता है। निशिकांत दुबे के इन आरोपों ने कांग्रेस की साख पर फिर से चोट की है और एक बार फिर यह बहस छिड़ी है कि क्या इतिहास में सत्ता से जुड़े फैसलों पर पर्याप्त जांच और सार्वजनिक जवाबदेही सुनिश्चित की गई थी या नहीं।