पहलगाम आतंकी हमले का दसवां दिन और NIA के अबतक के 10 बड़े खुलासे जो उड़ा देंगे आपके होश

Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन आतंकी हमले खातिर से महज 10 किमी दूर छिपा था मौत का सामान, आतंकियों हाशिम मूसा और अली भाई उर्फ तल्हा ने संभाली थी सरहद पार से कमान

पहलगाम आतंकी हमले का दसवां दिन और NIA के अबतक के 10 बड़े खुल
NIA के अबतक के 10 बड़े खुलासे जो उड़ा देंगे आपके होश - फोटो : Reporter

N4N डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल हुए आतंकी हमले के 10 दिन पूरे हो गए है. इस आतंकी हमले में पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने बेगुनाह पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर गोली मार दी थी. इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस खौफनाक हमले के बाद जांच एजेंसियां पूरी तरह एक्शन मोड में आ चुकी हैं.राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए की टीम घटनास्थल पर पहुंच हर सुराग की गहराई से जांच की जा रही है.ज्यो ज्यो पहलगाम आतंकी हमले की जांच आगे बढ़ रही है, पर्दे के पीछे से साजिश रचने वाले खौफनाक चेहरे धीरे-धीरे सामने आ रही है. पहलगाम हमले के पीछे के चेहरों को बेनकाब  करने और मास्टरमाइंड्स तक पहुंचने के लिए पूरी ताकत झोंक चुकी हैं.घटनास्थल के चप्पे-चप्पे की जांच की जा रही है, ताकि हमले की कड़ियों को जोड़ा जा सके. इसी बीच जांच में अबतक के एक बड़े खुलासे ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है.

दसवां दिन NIA के अबतक के 10 बड़े खुलासे 

यह एक साजिश के तहत मंगलवार 22 अप्रैल दोपहर करीब 2:45 बजे, पहलगाम की बैसरन घाटी, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से जाना जाता है, में हथियारबंद आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।वही NIA सूत्रों से इस मामले की जांच से जुड़े बड़े खुलासे हुए. पता चला कि जिन आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया है वो 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच गए थे. आतंकियों के टारगेट पर पहलगाम के अलावा तीन और लोकेशन- आरु घाटी, एम्यूजमेंट पार्क और बेताब घाटी भी थी. जांच में अभी तक 20 के करीब OGW(ओवर ग्राउंड वर्कर) की पहचान की जा चुकी है, जिनमे से कई OGW की गिरफ्तारी की जा चुकी है. 4 ओवर ग्राउंड वर्कर ने पाकिस्तानी आतंकियों को रेकी करने में मदद की थी. घाटी में 3 सेटेलाइट फोन के इस्तेमाल के सबूत भी मिली. इनके 2 फोन के सिग्नल जांच एजेंसियों ने ट्रेस कर लिए है.राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है और हर सुराग की गहराई से जांच की जा रही है. 

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बैसरन से 10 किमी दूर छिपाए थे हथियार 

NIA सूत्रों से इस मामले की जांच से जुड़े बड़े खुलासे हुए. पता चला कि जिन आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया है वो 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच गए थे.आतंकियों ने हमले से पहले हथियारों का जखीरा बेताब घाटी में छुपाया था. एक ऐसा इलाका जो घटना स्थल से लगभग 10 किलोमीटर दूर है. कोई अचानक उठाया गया कदम नहीं था. आतंकियों ने बेताब घाटी को बड़ी सोच-समझ के साथ चुना.पहले इलाके की बारीकी से रैकी की, रास्तों को पहचाना, सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और फिर तय किया कि हथियार कहां और कैसे छुपाए जाएंगे. 

सामने आया नए आतंकी का नाम 

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जाँच जैसे-जैसे पहलगाम आतंकी हमले की जांच आगे बढ़ रही है, पर्दे के पीछे की कहानी धीरे-धीरे सामने आ रही है. एक ऐसी साजिश, जो सरहद पार लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर में बैठकर रची गई थी और जिसे अंजाम तक पहुंचाने की कमान मिली थी दो खतरनाक आतंकियों को हाशिम मूसा और अली भाई उर्फ तल्हा भाई.

सोनमर्ग टनल में भी इसी टेरर मॉड्यूल ने मचाया था आतंक

पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों का संबंध सोनमर्ग टनल में हुए आतंकी हमले की घटना से जुड़ा है. अक्टूबर 2024 में ही सोनमर्ग में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था. जिसमें टनल में काम कर रहे 6 मजदूर और एक डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी. सोनमर्ग में हुए हमले के बाद दिसम्बर 2024 में सुरक्षाबलों ने दाचीगाम में इस मॉड्यूल के एक आतंकी जुनैद अहमद भट्ट को मार गिराया था. लश्कर से जुड़ा आतंकी जुनैद अहमद भट्ट कुलगाम का रहने वाला था और A+ कैटेगरी का आतंकी था.