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सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई, आदित्य ठाकरे पर जनहित याचिका का असर, पिता को जगी इंसाफ की उम्मीद

सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के मामले में आज से मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो रही है। जनहित याचिका में आदित्य ठाकरे से पूछताछ की मांग की गई है।

सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई, आदित्य ठाकरे पर जनहित याचिका का असर, पिता को जगी इंसाफ की उम्मीद
sushant singh rajput- फोटो : SOCIAL MEDIA

sushant singh rajput death case: सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में आज से मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो रही है, जो फिर से सुर्खियों में है। बॉलीवुड के प्रतिभाशाली अभिनेता सुशांत, 14 जून 2020 को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे। शुरुआत में इसे आत्महत्या का मामला बताया गया था, लेकिन उनके परिवार और समर्थकों ने इसपर संदेह जताया था, जिससे यह मामला और गहरा हो गया।

संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत

सुशांत सिंह की मौत से कुछ दिन पहले, 8 जून 2020 को उनकी मैनेजर दिशा सालियान की भी एक ऊंची इमारत से गिरने से मौत हो गई थी। यह घटना भी संदेहास्पद मानी गई और मीडिया के साथ-साथ जनता के बीच भी इस पर सवाल उठने लगे कि क्या दोनों घटनाओं के बीच कोई संबंध था या नहीं। दोनों ही मौतों की जांच के दौरान कई संगठनों और लोगों ने जांच एजेंसियों से जवाब की मांग की थी।

परिवार का दावा और न्याय की उम्मीद

सुशांत सिंह राजपूत के पिता, केके सिंह ने हमेशा दावा किया कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता था। उन्होंने इसे हत्या मानते हुए गहराई से जांच की मांग की थी। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी एजेंसियों ने अपनी-अपनी जांच की। केके सिंह ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट से न्याय मिलेगा और असली दोषी सामने आएंगे।

PIL में आदित्य ठाकरे का नाम

हाल ही में, इस मामले में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है, जिसमें शिवसेना (UBT) विधायक आदित्य ठाकरे से पूछताछ की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि CBI इस मामले में अपनी पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करे और आदित्य ठाकरे के खिलाफ जल्द से जल्द जांच शुरू की जाए। याचिका में आदित्य ठाकरे की गिरफ्तारी की मांग भी की गई है। वहीं, आदित्य ठाकरे ने इस याचिका का विरोध करते हुए अदालत से अनुरोध किया है कि किसी भी फैसले से पहले उन्हें सुना जाए। उनका कहना है कि यह PIL सही नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार इस मामले की जांच पहले से ही कर रही है।

CBI की रिपोर्ट और मौजूदा स्थिति

CBI ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में सुशांत सिंह राजपूत की मौत को आत्महत्या करार दिया था। हालांकि, परिवार और सुशांत के समर्थकों ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे और कहा था कि जांच में कई पहलुओं को नजरअंदाज किया गया। अब, मुंबई हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई से नए तथ्य और खुलासे सामने आने की उम्मीद है। मीडिया और जनता की नज़र अब हाईकोर्ट की सुनवाई पर है, जो तय करेगी कि क्या इस मामले में किसी बड़े राजनीतिक या आपराधिक षड्यंत्र का पर्दाफाश होगा, या फिर CBI की रिपोर्ट ही अंतिम सत्य मानी जाएगी।


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