N4N DESK - सरकारी गर्ल्स हॉस्टल में रात बिताते समाज कल्याण विभाग के बड़े अधिकारी को छात्रों ने रंगे हाथ पकड़ा है। जिसके बाद हॉस्टल में हड़कंप मच गया। बताया गया कि साहेब तीन दिन से लड़कियों के हॉस्टल में ही रह रहे थे। जिसकी भनक एबीवीपी को लग गई और आधी रात को ही उन्होंने हॉस्टल में छापेमारी कर दी। पकड़े गए अधिकारी का नाम अशफाक खान बताया गया। वह विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे।
पूरी घटना राजस्थान के डूंगरपुर की बताई जा रही है। यहां वसुंधरा विहार स्थित सावित्री बाई फुले गर्ल्स हॉस्टल में मंगलवार रात करीब 12 बजे खूब हंगामा हुआ। यहां एसटी वर्ग की 40 छात्राएं रहती हैं। आरोप है कि शहर में समाज कल्याण विभाग के दो बॉयज हॉस्टल होने के बावजूद असिस्टेंट डायरेक्टर गर्ल्स हॉस्टल में रुके हुए थे।
रात में छापेमारी के लिए पहुंचे
जिसकी जानकारी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं को लगी। रात में एबीवीपी के जिला संगठन मंत्री रामकृष्ण मेहता, जिला संयोजक महिपाल गमेती, जनजाति प्रमुख राजेंद्र खराड़ी और संजय खराड़ी रात करीब 12:30 बजे हॉस्टल पहुंचे। इससे पहले पुलिस को भी सूचना दी गई।
वार्डन ने किया कंफर्म
हॉस्टल गेट पर आवाज लगाने पर वार्डन गेट पर आए। वार्डन से अधिकारी के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि जिला अधिकारी (कलेक्टर) यहां रुके हुए हैं। जिसके बाद कार्यकर्ता फोन कैमरा चालू रखते हुए अधिकारी के कमरे तक पहुंचे और उन्हें पकड़ा।
निरीक्षण करने आने का दिया बहाना
अधिकारी ने खुद को समाज कल्याण का डिप्टी डायरेक्टर अशफाक खान बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि हॉस्टल का निरीक्षण करने आया हूं। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने 3 दिन से हॉस्टल में ठहरने के बारे में पूछा। कभी ट्रांसफर होकर आने तो कभी कमरा नहीं मिलने की बात अशफाक खान कहने लगे। इस पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई। मौके से ही जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह को फोन कर घटना के बारे में बताया।
कलेक्टर ने जताई नाराजगी
कलेक्टर ने भी किसी अधिकारी के गर्ल्स हॉस्टल में ठहरने पर नाराजगी जताई और उन्हें तुरंत ही वहां से जाने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अधिकारी को नोटिस जारी किया जा रहा है। इसके अलावा महिला पुलिसकर्मियों को भी हॉस्टल पर तैनात करने की बात कही।