SIR News:बंगाल में मतदाता सूची पर सियासी तूफान, घुसपैठियों की सनसनीखेज कुबूलनामे से गरमाई सियासत

बंगाल में चल रही विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के कारण कई ग़ैर-क़ानूनी घुसपैठिये राज्य छोड़ रहे हैं। नॉर्थ 24 परगना में बांग्लादेश लौटने की तैयारी में बैठे अबुल हुसैन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।

Bengal Politics Heat Up Over Voter List
बंगाल में घुसपैठियों की सनसनीखेज कुबूलनामे से गरमाई सियासत- फोटो : social Media

SIR News: पश्चिम बंगाल में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण  को लेकर जारी सियासी जंग हर दिन नए मोड़ ले रही है। चुनाव आयोग के खुलासे ने पूरे राजनीतिक माहौल में बिजली-सी गिरा दी है। आयोग के मुताबिक अब तक 13.92 लाख ऐसे फॉर्म सामने आए हैं जिन्हें अनकलेक्टेबल माना गया है यानी ऐसे मतदाता जो या तो दिवंगत (मृत) हैं, दो जगह नाम दर्ज है, राज्य से स्थायी रूप से बाहर जा चुके हैं, या लंबे अरसे से अपने पते पर ट्रेस नहीं हो रहे। सोमवार तक यह आँकड़ा 10.33 लाख था, यानी संख्या तेज़ी से बढ़ रही है और इससे सियासी बवाल और भी गहरा हो गया है।

एसआईआर प्रक्रिया के लिए राज्य में 80,600 से अधिक BLO, 8,000 सुपरवाइज़र, 3,000 AERO और 294 ERO तैनात हैं। इसी दौरान तीन BLO की मौत भी हो चुकी है, जिसे लेकर टीएमसी ने चुनाव आयोग पर गंभीर लापरवाही और धमकियों का आरोप लगाया है। ममता बनर्जी ने एक अधिकारी पर BLOs को जेल और नौकरी जाने की धमकी देने का आरोप लगाया और कहा कि यह अधिकारी पांच महीनों में रिटायर होने वाला है।

इस बीच बंगाल में चल रही  विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण   प्रक्रिया के कारण कई ग़ैर-क़ानूनी घुसपैठिये राज्य छोड़ रहे हैं। नॉर्थ 24 परगना में बांग्लादेश लौटने की तैयारी में बैठे अबुल हुसैन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने माना कि वह ग़ैर-क़ानूनी तरीके से भारत आया और अपने परिवार के पांच सदस्यों के आधार, पैन और राशन कार्ड भी बनवा लिए। वह दो साल से सरकारी राशन भी ले रहा था।

इस बढ़ते विवाद के बीच चुनाव आयोग ने 28 नवंबर को टीएमसी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात का समय तय किया है। इस टीम में डेरेक ओ’ब्रायन, महुआ मोइत्रा, कल्याण बनर्जी और साकेत गोखले जैसे नेता शामिल रहेंगे। टीएमसी का आरोप है कि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेरा-फेरी कर राज्य की राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है। उधर बीजेपी का कहना है यह सिर्फ घुसपैठियों की सफ़ाई और पारदर्शी चुनाव व्यवस्था का अभियान है।

इधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग और केंद्र पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि  विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण   के नाम पर उन्हें और बंगाल को टारगेट किया जा रहा है। कृष्णनगर की सभा में उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मुझ पर हमला किया गया, तो पूरे देश में बीजेपी की नींव हिला दूंगी।

ममता ने दावा किया कि  विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण  के चलते 35–36 लोगों की मौतें हो चुकी हैं, जिनमें कई आत्महत्याएं भी शामिल हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि  विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण   के डर से जान न दें, और भरोसा दिलाया कि कोई भी असली वोटर लिस्ट से बाहर नहीं होगा। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग  विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण   को सिर्फ दो महीनों में खत्म करना चाहता है, जबकि 2002 में यह प्रक्रिया तीन साल चली थी। बहरहाल बंगाल की सियासत में यह सब मिलकर एक ऐसा तूफ़ानी माहौल बना रहा है, जिसका असर आने वाले चुनावों पर साफ़ दिखाई देगा।