Bihar Bridge Collapse - चुनावी माहौल में धंस गया सांसद के पैतृक गांव को जोड़नेवाला नीतीश सरकार का बनवाया पुल, संवेदक को बचाने में जुटे अधिकारी

Bihar Bridge Collapse - बिहार में सांसद के पैतृक गांव को जोड़नेवाला पुल धंस गया। जिससे यातायात बाधित हो गया। इस पुल को 2019 में बनाया गया था।

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Araria -  बिहार के अररिया जिले में पुल निर्माण कार्य में लापरवाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। सिकटी विधानसभा क्षेत्र में बकरा नदी पर पड़रिया में 12 करोड़ रुपये का पुल धंसने की घटना की आंच अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि अब फारबिसगंज प्रखंड में एक और पुल खतरे में आ गया है। 

सांसद प्रदीप कुमार सिंह के पैतृक गांव कौआचार को जोड़ने वाला परमान नदी पर बना पुल का बीच का पाया अचानक धंस गया , जिसके कारण इस पुल पर आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया गया है ।

2019 में हुआ था निर्माण


ग्रामीणों के अनुसार, इस पुल का निर्माण वर्ष 2019 में लगभग 3 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से किया गया था । स्थानीय लोगों का स्पष्ट आरोप है कि पुल निर्माण में गंभीर अनियमितताएं बरती गईं, जिसके चलते महज कुछ ही वर्षों में पुल जर्जर स्थिति में पहुँच गया । बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल के बीच इस घटना ने विभागीय अधिकारियों और राज्य सरकार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है ।

कौआचार पुल, जिसे कविलाशा पुल भी कहा जाता है, की लम्बाई 129 मीटर थी, जिसका एस्टीमेट 4.15 करोड़ रुपया था और निर्माण में 3.80 करोड़ रुपये लगे थे ।

जून में बकरा नदी पर बना पुल धंसा

अररिया में पुलों की लगातार धंसने या क्षतिग्रस्त होने की घटनाओं ने ग्रामीण कार्य विभाग, अररिया की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं । इससे पहले, 18 जून 2024 को सिकटी प्रखंड के पड़रिया में बकरा नदी पर बन रहा 12 करोड़ रुपये का पुल भी धंस गया था। 

भले ही दोनों पुलों के संवेदक (ठेकेदार) अलग-अलग हों, लेकिन इन दोनों पुलों का निर्माण कराने वाला विभाग ग्रामीण कार्य विभाग, अररिया ही है । विभाग की लगातार निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे यह धारणा बन गई है कि इस विभाग में काम "भगवान भरोसे" है ।

पहले ही पुल धंसने का था अंदेशा

इस मामले पर ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर चंद्रशेखर कुमार ने बताया कि पुल धंसने की जानकारी विभाग को पहले ही मिल गई थी, और इस संबंध में 30 अक्टूबर 2025 को एक पत्र भेजा गया था । वर्तमान स्थिति को देखते हुए, लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डीएम और एसपी को भी घटना की सूचना दी गई है । 

इंजीनियर ने यह भी स्पष्ट किया कि संवेदक की पांच वर्ष की गारंटी अवधि समाप्त हो चुकी है , फिर भी पुल की आयु और निर्माण गुणवत्ता की गहन जांच कराई जाएगी । उन्होंने आश्वासन दिया कि विभागीय आदेश के तहत जांच के उपरांत दोषी पाए जाने वालों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी ।