बिजली की निर्बाध आपूर्ति सभी को चाहिए लेकिन भुगतान करने सही समय पर नहीं हो रहा है। अररिया जिले में बिजली बिलों का बकाया संकट एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। वर्तमान में, जिले में लगभग 90,000 उपभोक्ताओं पर कुल 135 करोड़ रुपये का बकाया है। यह स्थिति न केवल आम उपभोक्ताओं के लिए बल्कि सरकारी कार्यालयों के लिए भी चिंताजनक है, क्योंकि इन कार्यालयों पर भी करोड़ों रुपये का बकाया है।
जिले में बिजली विभाग ने बताया कि 90,000 उपभोक्ताओं में से पांच हजार से अधिक ऐसे हैं जिनके पास 135 करोड़ रुपये का बकाया है। यह दर्शाता है कि उपभोक्ता बिजली बिल भुगतान में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। आम उपभोक्ताओं की बिजली कनेक्शन काटने की प्रक्रिया नियमित रूप से चल रही है, लेकिन सरकारी कार्यालयों के मामले में स्थिति अलग है।
सरकारी कार्यालयों पर भी भारी बकाया है, जो कि 7 करोड़ 27 लाख रुपये से अधिक है। इनमें विभिन्न विभाग शामिल हैं जैसे कि जिला शिक्षा कार्यालय, रजिस्ट्री ऑफिस और अन्य सरकारी संस्थान। इन सभी कार्यालयों के पास लंबे समय से बकाया चल रहा है और कई मामलों में पिछले पांच वर्षों से कोई भुगतान नहीं किया गया है।
बिजली विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, डीएम कार्यालय के पास 3,49,760 रुपये, एसपी कार्यालय के पास 7,09,336 रुपये, डीडीसी कार्यालय के पास 24,47,019 रुपये, डीटीओ के पास 10,868 रुपये, निर्वाचन पदाधिकारी के पास 1,73,481 रुपये, जिला एससी/एसटी कल्याण पदाधिकारी के पास 4,247 रुपये, जिला बीसी/ईबीसी कल्याण पदाधिकारी अररिया के पास 75,333 रुपये, जिला योजना पदाधिकारी के पास 7,423 रुपये और माध्यमिक शिक्षा विद्यालय के पास 3,42,466 रुपये का बिजली बिल बकाया है। डीएम अनिल कुमार ने बताया कि सरकारी कार्यालयों पर 7 करोड़ से अधिक का बिजली बिल बकाया है, जिसे वे अपने स्तर पर देखेंगे। डीडीसी कार्यालय से पिछले पांच वर्षों से बिल न जमा होना एक गंभीर मुद्दा है, और इसकी वे स्वयं निगरानी करे।बिजली विभाग ने इस समस्या को लेकर चिंता जताई है और कहा कि वे हर महीने नोटिस भेजते हैं लेकिन फिर भी भुगतान नहीं हो रहा है।