Bihar Politics: ‘संविधान खतरे में’ नारे पर हुलास पांडेय का पलटवार, चिराग का बिहार फर्स्ट विजन लेकर आरा से चुनावी रण का किया शंखनाद

Bihar Politics: लोकसभा चुनावों के बाद बिहार की राजनीतिक सरगर्मियां एक बार फिर तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में, पूर्व एमएलसी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान के सबसे करीबी नेता हुलास पांडेय ने आरा का दौरा किया।

हुलास पांडेय
संविधान खतरे में’ नारे पर हुलास पांडेय का पलटवार- फोटो : reporter

Bihar Politics: लोकसभा चुनावों के बाद बिहार की राजनीतिक सरगर्मियां एक बार फिर तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में, पूर्व एमएलसी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान के सबसे करीबी नेता हुलास पांडेय ने आरा का दौरा किया। यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने आगामी 8 जून को आरा के ऐतिहासिक रमना मैदान में होने वाले '9 संकल्प संवाद' कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम में चिराग पासवान दोपहर 1 बजे पहुंचेंगे और इसमें 7 जिलों से एक लाख से अधिक लोगों के जुटने की उम्मीद है।

'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' का विजन और आरा का महत्व

हुलास पांडेय ने इस बात पर जोर दिया कि '9 संकल्प संवाद' कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पार्टी के नेता चिराग पासवान के 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' के विजन को जमीनी स्तर पर उतारना है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का पहला चरण आरा से शुरू हो रहा है, जो इस जिले के महत्व को और बढ़ा देता है। पांडेय ने बिहार और बिहारियों के उत्थान की कामना करने वाले सभी लोगों से 8 जून को रमना मैदान पहुंचने का आह्वान किया।

आरा से कार्यक्रम की शुरुआत के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए हुलास पांडेय ने बताया कि आरा वीरों की धरती, बाबू वीर कुंवर सिंह की जन्मभूमि है। साथ ही, शाहाबाद रेंज में आरा पहले से मुख्यालय रहा है। इन सभी कारणों को देखते हुए पार्टी ने आरा से ही इस कार्यक्रम की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। उन्होंने इसे गर्व का विषय बताया कि 7 जिलों का कार्यक्रम आरा में ही आयोजित हो रहा है।

सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर स्थिति स्पष्ट

आगामी चुनावों में सीट बंटवारे से जुड़े सवाल पर हुलास पांडेय ने कहा कि एनडीए में कौन सी सीटें उनकी पार्टी के हिस्से आएंगी, यह तभी तय होगा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा।

चिराग पासवान के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के संबंध में पूछे जाने पर हुलास पांडेय ने स्पष्ट किया कि सभी पार्टी के नेता चाहते हैं कि उनके दल के नेता शीर्ष पर हों, और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं की भी ऐसी ही आकांक्षा है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि एनडीए 2025 का चुनाव वर्तमान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेगी। व्यक्तिगत तौर पर उन्होंने एक कार्यकर्ता और लोजपा (रामविलास) के सिपाही के नाते चिराग पासवान को मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा व्यक्त की।

विपक्ष पर 'संविधान खतरे में' के नारे को लेकर निशाना

लोकसभा चुनाव में शाहाबाद की लगभग सभी सीटों पर एनडीए को मिली हार पर हुलास पांडेय ने कहा कि यह नुकसान मुख्य रूप से शाहाबाद में ही हुआ है। उन्होंने इसका कारण बताते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला। पांडेय ने कहा कि "हमारे मतदाताओं को गुमराह किया गया है। जब भी चुनाव आता है, विपक्ष संविधान का लेकर खड़ा हो जाता है कि संविधान खतरे में है। चुनाव खत्म होते ही संविधान का खतरा टल जाता है।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि चुनाव खत्म होने के बाद एनडीए की सरकार बनी, लेकिन बिहार की कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर एनडीए को हार का सामना करना पड़ा। '9 संकल्प संवाद' कार्यक्रम के बाद उनकी पार्टी इस पर चरणबद्ध तरीके से काम करेगी।

बहरहाल हुलास पांडेय का यह बयान न केवल चिराग पासवान के राजनीतिक एजेंडे को दर्शाता है, बल्कि यह विपक्ष के चुनावी नारों पर एक तीखा प्रहार भी है। 8 जून का '9 संकल्प संवाद' कार्यक्रम लोजपा (रामविलास) के लिए बिहार में अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

रिपोर्टर- आशीष कुमार