तस्कर कर लाई गई थाईलैंड की शिकारी मांगुर मछलियों की बिहार में मिली खेप, तीन क्विंटल प्रतिबंधित मछलियों को जब्त कर किया नष्ट

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भोजपुर जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नया टोला के समीप बुधवार की दोपहर मत्स्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। जिला मत्स्य पदाधिकारी के निर्देश पर चले एक विशेष अभियान में मत्स्य विकास पदाधिकारी ने छापेमारी कर भारी मात्रा में प्रतिबंधित 'थाई मांगुर' मछली को जब्त किया और उसे तत्काल प्रभाव से विनष्ट (नष्ट) कर दिया।

ढाई से तीन क्विंटल मछली बरामद 

मत्स्य विकास पदाधिकारी गुड्डू कुमार सिंह के नेतृत्व में की गई इस छापेमारी में लगभग 2.5 से 3 क्विंटल (सैकड़ों किलो) प्रतिबंधित मछली बरामद की गई। जब्त की गई मछलियों को स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरा मानते हुए मौके पर ही नष्ट कर दिया गया, ताकि यह बाजार में न बिक सके।

क्यों है यह मछली जानलेवा? मत्स्य विकास पदाधिकारी गुड्डू कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2020 से ही इस मछली के पालन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है। उन्होंने जानकारी दी कि  थाई मांगुर में खतरनाक 'हैवी मेटल्स' पाए जाते हैं। इसके सेवन से लोगों में कैंसर और अन्य गंभीर चर्म रोग होने का खतरा रहता है। साथ ही यह मछली मांसाहारी और आक्रामक होती है। यदि इसे किसी तालाब में डाला जाए, तो यह वहां मौजूद अन्य सभी देसी मछलियों को खा जाती है, जिससे मत्स्य पालन को भारी नुकसान होता है।

बंगाल के रास्ते होती है तस्करी 

अधिकारियों ने बताया कि इस मछली का उत्पादन मुख्य रूप से थाईलैंड में होता है और वहां से बंगाल के रास्ते इसे अवैध रूप से बिहार के बाजारों में लाया जाता है।

विक्रेताओं को चेतावनी 

इस कार्रवाई के दौरान मछली विक्रेता को पहली गलती मानते हुए सख्त चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि भविष्य में दोबारा कोई विक्रेता प्रतिबंधित मांगुर मछली बेचते हुए पकड़ा गया, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि जिला पदाधिकारी के आदेश पर यह अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा।

रिपोर्ट - आशीष श्रीवास्तव