नीलाम होगा बिहार का यह विश्वविद्यालय! नगर निगम ने शुरू की तैयारी, जाने क्या है मामला
लंबे समय से करोड़ों रुपये के होल्डिंग टैक्स का भुगतान न करने पर नगर निगम ने विश्वविद्यालय के कतीरा स्थित कार्यालय और आवासीय परिसरों को नीलाम करने की तैयारी कर ली है। निगम ने इसके लिए औपचारिक पत्र भी जारी कर दिया है।
Arrah - आरा नगर निगम ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (VKSU) के खिलाफ अब तक का सबसे सख्त कदम उठाया है। लंबे समय से करोड़ों रुपये के होल्डिंग टैक्स का भुगतान न करने पर नगर निगम ने विश्वविद्यालय के कतीरा स्थित कार्यालय और आवासीय परिसरों को नीलाम करने की तैयारी कर ली है। निगम ने इसके लिए औपचारिक पत्र भी जारी कर दिया है।
नीलामी की तैयारी, रिमाइंडर की अनदेखी पड़ी भारी
नगर निगम के द्वारा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कतीरा स्थित कार्यालय एवं आवासीय परिसरों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। यह कार्रवाई विश्वविद्यालय पर लंबे समय से चले आ रहे नगर निगम कर (Holding Tax) के बकाया भुगतान को लेकर की जा रही है। आरा नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, वर्ष 2020 से अब तक कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन को रिमाइंडर लेटर भेजे गए, लेकिन विश्वविद्यालय ने न तो बकाया राशि का भुगतान किया और न ही इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल की।
1.23 करोड़ का बकाया, नोटिस का भी नहीं दिया जवाब
बार-बार अनदेखी किए जाने के बाद तंग आकर नगर निगम ने नीलामी का लेटर जारी कर दिया है। निगम सूत्रों के अनुसार इसी वर्ष अगस्त माह में विश्वविद्यालय को 1 करोड़ 23 लाख रुपये के बकाये को लेकर अंतिम नोटिस (Final Notice) जारी किया गया था। नोटिस में साफ कहा गया था कि समय-सीमा के भीतर भुगतान न होने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। बावजूद इसके, विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुप्पी साधे रखी, जिसके कारण निगम को नीलामी प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लेना पड़ा।
OTS (वन टाइम सेटलमेंट) का भी नहीं उठाया लाभ
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी या शैक्षणिक संस्थान होने के बावजूद कानून सभी के लिए समान है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय के पास ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) प्रक्रिया का विकल्प भी था। यदि विश्वविद्यालय प्रशासन चाहता तो आपसी सहमति से किश्तों में या रियायत के साथ भुगतान की व्यवस्था हो सकती थी। लेकिन, विश्वविद्यालय द्वारा इस दिशा में भी कोई आवेदन या प्रस्ताव नहीं दिया गया। अब निगम के पास नीलामी के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।
विश्वविद्यालय की साख पर सवाल, अब भी है मौका
नीलामी की खबर सामने आते ही शैक्षणिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। लोगों का मानना है कि इतने प्रतिष्ठित संस्थान के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल होगी। हालांकि, राहत की बात यह है कि कार्रवाई अभी भी रोकी जा सकती है।
नगर निगम का कहना है कि नीलामी अंतिम विकल्प है। यदि कुर्की और नीलामी से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन बकाया राशि जमा कर देता है या ओटीएस के तहत समाधान निकालता है, तो कार्रवाई रोक दी जाएगी। निगम ने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य सार्वजनिक धन की वसूली करना है, किसी संस्थान को नुकसान पहुंचाना नहीं।