Bihar News: बिहार में 38 साल पुराने केस का निपटारा, कोर्ट ने सुनाई दो अपहरणकर्ताओं को 7 साल की सजा

Bihar News:38 साल पुराने अपहरण केस में बिहार की औरंगाबाद कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। 1987 में दर्ज हुए इस मामले में अदालत ने दो दोषियों को 7 साल की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

Bihar News: बिहार में 38 साल पुराने केस का निपटारा, कोर्ट ने

बिहार के औरंगाबाद जिले में 38 साल पुराने अपहरण मामले में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। प्रधान जिला जज एवं जिला सत्र न्यायाधीश राजकुमार-1 ने गुरुवार को जैतपुर गांव के दो अभियुक्तों अजय सिंह और विजय सिंह को दोषी करार देते हुए 7 साल की कैद की सजा सुनाई।

1987 में हुई थी वारदात

यह मामला हसपुरा थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां 16 फरवरी 1987 को राजकुमार सिंह नामक व्यक्ति ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पांच साल के बेटे का अपहरण कर लिया गया। पुलिस जांच के बाद 26 अप्रैल 1987 को आरोप पत्र दायर किया गया और 10 अगस्त 1989 को आरोप तय हुए।

कोर्ट का फैसला और सजा

न्यायालय ने अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364/34 के तहत दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाई। साथ ही 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यदि वे जुर्माना नहीं देते हैं, तो उन्हें 1 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

बचाव पक्ष ने दी दलीलें

बचाव पक्ष ने कोर्ट से अपील की कि अभियुक्त अब 65 और 70 साल के बुजुर्ग हो चुके हैं और यह उनका पहला अपराध था। साथ ही, ट्रायल के दौरान वे काफी समय जेल में भी बिता चुके हैं। इसलिए उन्हें नरमी दी जाए।

अभियोजन पक्ष की दलील

लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने तर्क दिया कि पांच साल के बच्चे का अपहरण बेहद गंभीर अपराध है, इसलिए आरोपियों को कठोर सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने अधिकतम सजा की मांग की।

38 साल बाद मिला न्याय

22 मार्च 2025 को दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया गया और 27 मार्च 2025 को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। दशकों तक चले इस मामले में भले ही न्याय मिलने में देरी हुई, लेकिन इस फैसले से यह साबित हुआ कि अपराधी कानून से बच नहीं सकते।

Editor's Picks