अंगदान करनेवाले बिहार के पहले विधायक बने चेतन आनंद, डॉक्टर पत्नी का भी मिला साथ, बोले- 'मरने के बाद किसी को जिंदगी दे जाना ही असली धर्म'
विधायक चेतन आनंद और उनकी पत्नी डॉ. आयुषी सिंह ने मरणोपरांत अपने अंगदान (Organ Donation) करने का संकल्प लिया है। बिहार में यह अपनी तरह की पहली पहल है जब किसी जनप्रतिनिधि ने सार्वजनिक मंच से ऐसा कदम उठाया हो।
Aurangabad : बिहार के औरंगाबाद जिले के नबीनगर प्रखंड स्थित नवाडीह गांव में 7 दिसंबर 2025 को एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। नबीनगर से विधायक चेतन आनंद और उनकी पत्नी डॉ. आयुषी सिंह ने 'सोटो' (SOTTO) के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में अंगदान करने का संकल्प लिया। इस मौके पर समाज को एक मजबूत संदेश देने की कोशिश की गई कि शरीर नश्वर है, लेकिन हमारे अंग किसी की जान बचा सकते हैं।
डॉ. आयुषी बोलीं- शरीर तो नश्वर है पेशे से डॉक्टर और विधायक की पत्नी डॉ. आयुषी सिंह ने कहा कि समाज में अभी भी अंगदान को लेकर जागरूकता की भारी कमी है। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, "हमारा शरीर नश्वर है। अगर मृत्यु के बाद यह किसी के काम आ जाए, तो इससे बड़ा दान कोई और नहीं हो सकता। हम चाहते हैं कि यह संदेश आम लोगों तक पहुंचे।"
रक्तदान की तरह अंगदान को बनाना है मुहीम
विधायक चेतन आनंद ने कहा कि एक समय था जब लोग रक्तदान करने से भी डरते थे, लेकिन आज जागरूकता आई है। ठीक उसी तरह अंगदान के लिए भी लोगों को प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा, "जनता हम पर विश्वास करती है, इसलिए एक जनप्रतिनिधि के तौर पर यह मेरा फर्ज है कि मैं पहल करूं। जो लोग अंगों के इंतजार में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं, वही इसकी असली कीमत समझते हैं।"
बिहार में पहली बार किसी नेता की ऐसी पहल
स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (SOTTO) के नोडल अधिकारी ने इसे एक सराहनीय कदम बताया। उन्होंने पुष्टि की कि बिहार में यह पहली बार है जब किसी जनप्रतिनिधि ने आगे आकर अंगदान की पहल की है। सोटो के चेयरमैन डॉ. मनीष मंडल ने भी विधायक की तारीफ करते हुए कहा कि नेता समाज के रोल मॉडल होते हैं, उनकी यह पहल अंगदान अभियान को नई दिशा देगी।
जीविका दीदियों ने भी समझी बारीकियां कार्यक्रम में 100 से अधिक जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। सोटो की आईईसी कंसल्टेंट एकता और ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर जसपाल सिंह ने उन्हें अंगदान की प्रक्रिया समझाई और इससे जुड़े मिथकों (भ्रांतियों) को दूर किया। कई लोगों ने मौके पर ही अंगदान के लिए रजिस्ट्रेशन भी कराया।