Funeral Procession With DJ :100 वर्षीय नदिया देवी की अंतिम यात्रा में शोक के बजाय उत्सव का माहौल देखने को मिला। परिवार के सदस्यों ने शव यात्रा के दौरान डीजे की धुन पर जमकर डांस किया। बांका में एक बुजुर्ग महिला की शव यात्रा डीजे की धुन और गाजे-बाजे के साथ नाचते-झूमते निकाली गई। बांका के कटोरिया के थेबरी गांव में 100 साल की नदिया देवी की अंतिम यात्रा में मातम की जगह जश्न का माहौल दिखा। परिजनों ने शव यात्रा में डीजे बजा कर नाचते हुए शव यात्रा में शामिल हुए। गम और आंसू की बजाय शव यात्रा में परिवार के लोगों के साथ-साथ अन्य लोग भी नाचते-गाते नजर आए।
परिवार का कहना है कि उनकी परंपरा है कि अगर कोई शख्स 100 साल की उम्र पूरी कर ले, तो उसके निधन पर शोक नहीं बल्कि खुशी मनाई जाती है। इसी परंपरा के तहत उन्होंने दादी नदिया देवी की अंतिम विदाई डीजे के साथ करने का फैसला किया। परिजन शव यात्रा में भोजपुरी गानों पर ठुमके लगाते दिखे। इस शव यात्रा में महिलाएं भी शामिल थीं। शव को कंधा देने वाले लोग भोजपुरी गानों पर थिरकते दिखे।
शव यात्रा के दौरान डीजे वाली गाड़ी शव के आगे चलती नजर आई, वहीं लोग पीछे नाचते-गाते आ रहे हैं। इस अनोखी शव यात्रा के फोटोज और वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे परंपरा से जोड़कर सही बताया, तो वहीं कुछ ने इसे 'संवेदनहीनता' कहा है। वहीं मृतक के पोते सिकंदर ने कहा कि, "यह हमारी पारंपरिक मान्यता है कि जो व्यक्ति 100 साल की उम्र पूरी करके दुनिया छोड़ता है, उसके लिए मातम नहीं बल्कि जश्न मनाना चाहिए।" परिवार का कहना है कि उनकी दादी ने लंबी उम्र जी, इसलिए खुशी-खुशी उनकी अंतिम विदाई दी गई। वहीं गांव में यह शव यात्रा चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग इसे अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं. परिवार अपने फैसले को सही मान रहा है. वहीं बुजुर्गों का कहना है कि अंतिम यात्रा में शोक और सम्मान होना चाहिए, न कि इस तरह का नाच-गाना करना चाहिए।
रिपोर्ट- चंद्रशेखर भगत