Bihar News : छठ घाट निर्माण के दौरान बांका में बड़ा हादसा, चांदन नदी में डूबने से 1 बच्चे की मौत, 3 की हालत गंभीर
BANKA : लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारियों के बीच बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। चांदन नदी स्थित पतवैय घाट पर शनिवार की सुबह घाट निर्माण और साफ-सफाई के दौरान चार बच्चे गहरे पानी में डूब गए। इस दर्दनाक हादसे में 16 वर्षीय पीयूष कुमार की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज अमरपुर रेफरल अस्पताल में चल रहा है। मृतक की पहचान सरवन दास के पुत्र पीयूष कुमार के रूप में हुई है, वहीं घायल बच्चों में बिट्टू कुमार, नितेश कुमार और सोनू कुमार शामिल हैं।
यह हादसा उस वक्त हुआ जब सभी बच्चे छठ महापर्व के लिए पतवैय घाट की सफाई, मिट्टी समतल करने और बांस गाड़ने के कार्य में लगे थे। काम पूरा होने के बाद वे नदी में स्नान करने लगे। इसी दौरान अचानक एक बच्चे का पैर फिसल गया और देखते ही देखते चारों बच्चे गहरे पानी की चपेट में आ गए। आसपास मौजूद ग्रामीणों ने तुरंत शोर मचाकर बचाव कार्य शुरू किया। ग्रामीणों की कड़ी मशक्कत के बाद तीन बच्चों को किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला गया, लेकिन पीयूष कुमार को बचाया नहीं जा सका।
इस दुखद घटना की खबर गांव पहुंचते ही पूरे इलाके में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और गांव में छठ की खुशियाँ मातम में बदल गई हैं। मृतक पीयूष कुमार को होनहार और मिलनसार बताया जा रहा है, जिसकी असामयिक मौत से पूरा क्षेत्र सदमे में है। अस्पताल परिसर में भी बेहद भावुक दृश्य देखने को मिले, जहां परिजन अपने बेटे का चेहरा देखकर दहाड़ें मारकर रोने लगे।
घटना की सूचना मिलते ही अंचल अधिकारी और अमरपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। प्रशासनिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शोकाकुल परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की। राजस्व कर्मी राजेश झा ने बताया कि मृतक के परिजनों को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से शीघ्र ही उचित मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी। पुलिस ने मृतक पीयूष कुमार के शव को पोस्टमार्टम के लिए बांका सदर अस्पताल भेज दिया है, और अन्य घायलों के इलाज की निगरानी की जा रही है।
इस दर्दनाक हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि छठ पर्व के दौरान हर साल ऐसी घटनाएँ होती हैं, लेकिन घाटों पर न तो चेतावनी बोर्ड लगाए जाते हैं और न ही गोताखोरों की व्यवस्था की जाती है। छठ की उमंग और भक्ति के माहौल के बीच हुए इस हादसे ने पूरे बांका जिले को गहरी पीड़ा दी है, और श्रद्धा के इस पर्व की तैयारी अब मातम में बदल गई है।
बांका से चंद्रशेखर कुमार भगत की रिपोर्ट