BANKA : बांका जिला के धोरैया प्रखंड अंतर्गत गौरा गांव में चल रहे मंदिर प्राण प्रतिष्ठा सह चंडी महायज्ञ में बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे। उन्होंने कहा की यह देश सनातनियों का, तनातनीयों का नहीं है। 150 करोड़ हिन्दू को एकत्र करना मेरा सपना है।यज्ञ समारोह के पहुंचे आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने भक्तों को सम्बोधित किया l धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा की हमारा लक्ष्य दुनिया के सभी हिन्दू को एकत्रित करना है भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना है l उन्होंने बिहार आने पर कहा क़ी बिहार में कुछ लोग हमें जेल भेजने क़ी बात कह रहे है l हम बिहार आते रहेंगे l हमें यहां आने से कोई नहीं रोक सकता l सभा को सुनने बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे l लगभग डेढ़ घंटे का प्रवचन उन्होंने बांका में किया l इसके बाद मंदिर परिसर में प्रतिमा का दर्शन कर यज्ञ मंडप में हवन में शामिल होकर वापस हुए l जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के भी काफी पुख्ता इंतजाम की गई थी। धोरैया सन्हौला मुख्य मार्ग पर काफी संख्या भीड़ बाबा के दर्शन के लिए जुटी l जिससे पूरा मार्ग भगवामय हो गया था।
वहीँ बांका जिला के धोरैया प्रखंड के गौरा गांव में आयोजित सहस्त्र चंडी महायज्ञ में रविवार को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री जी महाराज ने कथा के दौरान मंच से बटसार गांव निवासी चंपा देवी की अरजी लग गई। बाबा ने महिला को मंच पर बुलाकर आशीर्वाद दिया। महिला ने बाबा बागेश्वर को अंग वस्त्र पहनाकर उनका आशीष ग्रहण किया। बाबा ने भी उन्हें तथा उनके छोटे पोते पुलकित आनंद को हनुमान चादर पहना कर उन्हें आशीर्वाद दिया। बाबा ने कहा ये बड़ी भक्तिन हैं. उन्हें मंच पर बुलाओ। मौजूद अंगरक्षक महिला को गोद में उठा कर ले गए। जहां महिला ने बाबा को साष्टांग दंडवत कर प्रणाम किया।
मौके पर महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास, देशव्यापी कथावाचक गौभक्त श्रद्धेय संजीव कृष्ण ठाकुर जी महाराज मौजूद रहे। बता दें कि बटसार निवासी चंपा देवी धर्म परायण महिला हैं तथा धोरैया के पत्रकार प्रदीप कुमार की माता हैं। बाबा ने महिला से उनके परिवार के बारे में पूछा। जिस पर महिला ने बताया कि तीन बेटे तथा 10 पोते पोतियों का भरा पूरा परिवार है। बाबा ने पूरे परिवार के सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया। महिला ने बताया कि बराबर टीवी पर बागेश्वर धाम के बाबा का प्रवचन सुनती थी तथा दिल से यह दुआ करती थी कि एक दिन बाबा भी मंच पर उन्हें बुलावें। रविवार की अहले सुबह करीब 3 बजे से ही वह कथा स्थल पर पंडाल में बैठकर बाबा का ध्यान कर रही थी। आज उनकी यह मनोकामना पूर्ण हुई है। बाबा से मिलकर महिला बहुत प्रसन्न हैं। महिला के पति सेवानिवृत्त तसर पर्यवेक्षक थे।
बांका से चंद्रशेखर कुमार की रिपोर्ट