UPSC Exam Result 2024: बांका के लाल ने किया कमाल! UPSC 2024 की सिविल सेवा परीक्षा में हासिल की 269वीं रैंक, चौथे प्रयास में रचा इतिहास

UPSC 2024 परीक्षा में बिहार के बांका जिले के पारस कुमार ने 269वीं रैंक हासिल कर चौथे प्रयास में सफलता पाई। जानें उनकी प्रेरणादायक यात्रा और शिक्षा क्षेत्र में उनके भविष्य के लक्ष्यों के बारे में।

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UPSC 2024 - फोटो : news4nation

UPSC Exam Result 2024: बांका जिले के बाबू टोला निवासी पारस कुमार ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2024 की सिविल सेवा परीक्षा में 269वीं रैंक प्राप्त कर जिले को गौरवान्वित किया है। वर्तमान में जमुई जिले में जिला परियोजना पदाधिकारी (DPO) के पद पर कार्यरत पारस की यह सफलता उनके चौथे प्रयास में मिली है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि मजबूत इच्छाशक्ति, निरंतर परिश्रम और धैर्य के साथ कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।पारस कुमार, जो सुमन मंडल के पुत्र हैं। उन्होंने वर्ष 2019 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की परीक्षा पास कर चुके हैं। प्रारंभिक शिक्षा बांका जिले में प्राप्त करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा को अपना लक्ष्य बनाया। 

पहले तीन प्रयासों में असफलता मिलने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार चौथे प्रयास में ऐतिहासिक सफलता हासिल की।पारस शुरू से ही पढ़ाई के प्रति समर्पित रहे। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने खुद को हमेशा प्रेरित रखा। पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़े रहे, जो आगे चलकर उनके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा बना। पारस की यह सफलता सिर्फ उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे बांका जिले के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। उनकी कहानी यह संदेश देती है कि मेहनत, लगन और धैर्य से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी दिखाया कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले छात्र भी देश की सबसे कठिन परीक्षा में अपनी छाप छोड़ सकते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में करना चाहते हैं काम

UPSC में चयन के बाद पारस कुमार ने कहा कि वे प्रशासनिक सेवा के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में विशेष रूप से काम करना चाहते हैं। उनका सपना है कि समाज के वंचित तबके के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा मिल सके। वे चाहते हैं कि शिक्षा के माध्यम से समाज में स्थायी और सकारात्मक परिवर्तन लाया जाए।पारस की सफलता की खबर मिलते ही पूरे जिले में हर्ष की लहर दौड़ गई। परिजनों, ग्रामीणों, शिक्षकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उन्हें बधाइयाँ दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। सोशल मीडिया पर भी लोग उनकी उपलब्धि की सराहना कर रहे हैं। गांव में मिठाइयाँ बांटी गईं

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युवाओं के लिए भी नई उम्मीद 

पारस कुमार की यह सफलता जिले के उन युवाओं के लिए भी नई उम्मीद है जो प्रशासनिक सेवा में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि कठिन परिस्थितियों में भी लक्ष्य को पाया जा सकता है, बस ज़रूरत है सच्ची लगन और निरंतर प्रयास की।

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