पाँच साल पहले मर चुके शिक्षक पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने अब ठोका केस
बिहार के बांका जिले में निगरानी टीम ने एक मृत शिक्षक पर एफआईआर दर्ज करा दी. शिक्षक की 5 साल पहले ही मौत हो चुकी है. फर्जी सर्टिफिकेट मामले में अब जाकर उन पर केस दर्ज कराया गया. इस वाकये से घर वाले बोले प्राथमिकी दर्ज करना दुर्भाग्यपूर्ण है.

N4N डेस्क: बिहार के बांका जिले एक शिक्षक ने फर्जी प्रमाण-पत्र पर नौकरी पाई थी उसकी 2021 में मौत हो गई थी. अब निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने एफआईआर दर्ज कराई है. दरअसल बांका में फर्जी प्रमाण-पत्र मामले की जांच के दौरान निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना और शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, पांच वर्ष पूर्व जिस शिक्षक की मृत्यु हो गई है उसके खिलाफ ही निगरानी विभाग ने हाल ही में प्राथमिकी दर्ज करा दी है. आप भी कहेंगे यह तो गजब है. इस कार्रवाई के बाद मृतक शिक्षक के परिजनों एवं शिक्षक संघ में काफी आक्रोश है.
निरंजन की हो चुकी है 5 वर्ष पहले मौत
जिले के शंभूगंज प्रखंड की मिर्जापुर पंचायत के सोनडीहा निवासी निरंजन कुमार प्राथमिक विद्यालय मेहरपुर में नियोजित शिक्षक के पद पर कार्यरत थे. 2021 में कोरोना में उनकी मृत्यु हो गई थी. परिजनों ने मृत्यु प्रमाण-पत्र की प्रतिलिपि प्रखंड बीआरसी कार्यालय से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय तक को भेजा था. इसके बावजूद तीन दिन पूर्व विगत 20 अगस्त, 2025 को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक लाल मुहम्मद ने निरंजन कुमार पर फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करा दी. जांच रिपोर्ट में मृतक शिक्षक निरंजन कुमार के साथ-साथ भागलपुर जिले के सोनवर्षा गांव निवासी शिक्षिका पल्लवी कुमारी का शैक्षणिक प्रमाण-पत्र भी फर्जी पाया गया है. शिक्षिका पल्लवी प्राथमिक विद्यालय जगतापुर में पदस्थापित थीं. वर्ष 2018 से ही लापता बताई जा रही हैं.
शिक्षक के परिजन बोले दुर्भाग्यपूर्ण
वही मामले के बाबत शंभूगंज थानाध्यक्ष मंटू कुमार ने बताया कि शुक्रवार 22 अगस्त, 2025 को शिक्षक निरंजन कुमार का मृत्यु प्रमाण-पत्र उनके परिजनों ने प्रस्तुत किया है. इसकी पूरी जानकारी वरीय अधिकारी समेत निगरानी विभाग को भेजी जा रही है. वहीं इस संबंध में शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना संजय कुमार यादव ने बताया कि उक्त शिक्षक की मृत्यु कोरोना काल में ही हो गई है.
वही निगरानी की इस कार्रवाई से शिक्षक निरंजन के परिजन काफी आहत हैं. पत्नी खुशबू कुमारी, बड़े भाई सह शंभूगंज प्रखंड के पूर्व प्रमुख जितेंद्र यादव एवं छोटे भाई मनीष कुमार ने दुख जताया है. कहा कि प्राथमिकी दर्ज करना दुर्भाग्यपूर्ण है.