Bihar Crime: डायन बताकर मारपीट का मामला, 11 साल बाद कोर्ट ने दस आरोपियों को दोषी दिया करार, 31 जुलाई को सुनाई जाएगी सजा

BEGUSARAI : जिले के बखरी थाना क्षेत्र के बरियारपुर गांव में डायन बताकर प्रताड़ित करने और मारपीट के मामले में अदालत ने 10 आरोपितों को दोषी करार दिया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय ब्रजेश कुमार सिंह की अदालत ने यह फैसला सुनाया और सजा पर सुनवाई के लिए 31 जुलाई की तारीख तय की है। यह मामला बखरी थाना कांड संख्या 252/2014 से जुड़ा है। आरोपितों पर आरोप था कि 11 अगस्त 2014 की रात करीब 9 बजे बरियारपुर निवासी संजय महतो के पिता दुकान बंद कर घर लौट रहे थे, तभी पहले से घात लगाए बैठे आरोपितों ने उन पर हमला कर दिया।
अपर लोक अभियोजक राम प्रकाश यादव ने अभियोजन पक्ष की ओर से पांच गवाहों की गवाही कराई। गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर न्यायालय ने सभी आरोपितों को डायन एक्ट की धारा 3/4 और भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 323, 504, 354(B)/34 के तहत दोषी ठहराया। आरोपितों में शामिल ग्रामीणों के नाम गोवर्धन महतो, राजेश महतो,लालो महतो, शांति देवी, दिनेश महतो,रूपेश महतो, मनोज महतो,पंकज महतो,विनोद महतो,राजा राम महतो है।
मामले से जुड़े तथ्यों के अनुसार, घटना की रात आरोपित लाठी, रॉड और पिस्तौल से लैस थे। उन्होंने सूचक संजय महतो और उसके पिता को यह कहते हुए पीटना शुरू कर दिया कि उनकी पत्नी डायन है। मारपीट की आवाज सुनकर उर्मिला देवी और काला देवी बीच-बचाव के लिए आईं, तो उनके साथ भी बेरहमी से पिटाई की गई। आरोपितों ने दोनों महिलाओं के गले से आठ आना का सोने का चक्की भी छीन लिया। अदालत ने इस मामले को सामाजिक कुरीति और अंधविश्वास पर आधारित जघन्य अपराध मानते हुए सभी आरोपितों को दोषी करार दिया। अब 31 जुलाई को सजा सुनाई जाएगी।
यह फैसला समाज में यह संदेश देता है कि डायन बताकर महिलाओं को प्रताड़ित करना न केवल अपराध है बल्कि इसके लिए कठोर दंड भी भुगतना पड़ेगा। ग्रामीणों में भी इस निर्णय को लेकर चर्चा है कि अदालत की सख्ती से भविष्य में ऐसे मामलों पर रोक लगेगी।
बेगूसराय से अजय शास्त्री की रिपोर्ट