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Bihar News : मोदी सरकार ने बिहार को दिया बड़ा झटका ! बेगूसराय मक्का अनुसंधान केंद्र होगा कर्नाटक में शिफ्ट, कृषि मंत्री ने जारी किया पत्र

Bihar News : केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार के बेगूसराय स्थित मक्का अनुसंधान केंद्र को कर्नाटक शिफ्ट करने से जुड़ा पत्र जारी किया है.

Begusarai Maize Research Center
Begusarai Maize Research Center- फोटो : news4nation

Bihar News : केंद्र सरकार के एक फैसले से बिहार को बड़ा झटका लगा है. भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) के बिहार के बेगूसराय स्थित क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान एवं बीज उत्पादन केंद्र को कर्नाटक के शिवमोग्गा में स्थानांतरित करने पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने सहमति व्यक्त की है. यह फैसला कुछ महीने पूर्व ही लिया गया है. इससे बेगूसराय का यह केंद्र अब स्थानांतरित होकर कर्नाटक चला जाएगा. 


शिवमोग्गा से लोकसभा सदस्य बी.वाई. राघवेंद्र, जो कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदयुरप्पा के बेटे हैं, ने कहा है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) शिवमोग्गा में भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) का एक क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र स्थापित करेगा. इसे लेकर कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने उन्हें पत्र लिखकर इससे अवगत कराया है. 


बी.वाई. राघवेंद्र को लिखे पत्र में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि  शिवमोग्गा में आईसीएआर-आईआईएमआर क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशन की स्थापना आरंभ करने और इसमें तेजी लाने की मैं आपकी चिंता की सराहना करता हूं. साथ ही यह सूचित करने में गौरव महसूस करता हूं कि15 वें वित्त आयोग अवधि (वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26) के दौरान, भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (IIMR), लुधियाना के बेगूसराय स्थित क्षेत्रीय स्टेशन को शिवमोग्गा में स्थानांतरित करने की मंजूरी दी गई है। 


उन्होंने कहा कि कर्नाटक में मक्का अनुसंधान गतिविधियों को कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएस), धारवाड़ और यूएएस, बैंगलोर में मंड्या में स्थित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के दो केंद्रों के माध्यम से भी बढ़ावा दिया जाता है। मेरा मानना है कि इससे मक्का के उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता में भी अधिकतम क्षमता तक वृद्धि होगी और राज्य के कृषक समुदायों और अन्य हितधारकों को लाभ होगा।

1997 में हुई थी स्थापना 

क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान एवं बीज उत्पादन केंद्र, कुशमहौत, बेगूसराय की स्थापना 4 मई 1997 को हुई थी। केंद्र के पास कुल 97.3 एकड़ जमीन है जिसमें 83 एकड़ जमीन अनुसंधान और बीज उत्पादन के लिए है। केंद्र में अच्छी बुनियादी सुविधाएं भी हैं जैसे प्रयोगशालाओं के साथ विशाल कार्यालय परिसर, सिंचाई के लिए ट्यूबवेल, खेत पर तकनीकी और सहायक कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वार्टर, तीन ट्रैक्टर, आवश्यक मशीनरी और उपकरण आदि हैं । यहां की प्रमुख गतिविधि उद्देश्य में भारत के पूर्वी क्षेत्र के लिए उपयुक्त मक्का संकर विकसित करना और  प्रायोगिक/सार्वजनिक संकर के पैतृक बीजों का उत्पादन करना शामिल रहा है. 

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