Bihar Election 2025 : बेगूसराय में राहुल गांधी का अनोखा अंदाज, तालाब में लगाई डुबकी और मछुआरों संग पकड़ी मछली, वीडियो सोशल मीडिया में हुआ वायरल

Bihar Election 2025 : बेगूसराय में कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने मुकेश सहनी और कन्हैया के साथ मिलकर तालाब में डूबकी लगाई. वहीँ जाल लगाकर मछली पकड़ी.......पढ़िए आगे

Bihar Election 2025 : बेगूसराय में राहुल गांधी का अनोखा अंदा
राहुल गाँधी ने लगाई डूबकी - फोटो : AJAY SHASTRI

BEGUSARAI : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बेगूसराय में बिहार चुनाव के लिए एक जनसभा को संबोधित करने के बाद, स्थानीय लोगों से भावनात्मक जुड़ाव बनाने की एक अनोखी कोशिश की। रैली खत्म होने के बाद, राहुल गांधी वीआईपी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी के साथ करीब 3 किलोमीटर दूर एक तालाब पर पहुँचे। यहाँ उन्होंने न केवल मछुआरों की नाव पर सवार होकर उनके साथ जाल डालकर मछली पकड़ी, बल्कि सहनी समाज की जीवनशैली को समझने की पहल करते हुए तालाब के ठंडे पानी में डुबकी भी लगाई। इस दौरान कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और बेगूसराय सदर से कांग्रेस प्रत्याशी अमिता भूषण भी नाव पर उनके साथ मौजूद थे, जिससे यह दृश्य क्षेत्र की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गया।

राहुल गांधी के तालाब में उतरकर मछली पकड़ने और डुबकी लगाने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो रहे हैं और राजनीतिक गलियारों में इसकी खूब चर्चा है। स्थानीय लोगों के साथ जमीन पर उतरकर उनके जीवन का अनुभव लेने की यह कोशिश एक मजबूत राजनीतिक संदेश के रूप में देखी जा रही है। कांग्रेस नेताओं ने इस पहल को जमीनी जुड़ाव से जोड़ते हुए कहा कि राहुल गांधी केवल मंच से भाषण देने वाले नेता नहीं हैं, बल्कि वह वास्तव में लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानियों और संस्कृति को समझने का काम कर रहे हैं। यह कदम खासकर अतिपिछड़ा और मछुआरा समाज के बीच एक गहरा प्रभाव डालने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

इससे पहले, चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोला। उन्होंने PM मोदी पर कटाक्ष करते हुए उन्हें '56 इंच की छाती वाला डरपोक' तक कह डाला। उन्होंने अपने भाषण में खासकर बेरोजगारी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और बिहार के युवाओं के पलायन पर सवाल खड़े किए। राहुल गांधी ने सभा में उपस्थित जनसमूह से सीधे पूछा कि "मैं देश के किसी भी प्रदेश में जाता हूँ, तो वहाँ मुझे बिहार के लोग दिखाई देते हैं। दुबई जैसी जगह को आपने अपने खून पसीने से बनाया है। मेरा आपसे सवाल है कि जब आप दुबई और बेंगलुरु जैसा शहर बना सकते हो, तो ये बिहार में क्यों नहीं कर पाते हो?"

राहुल गांधी के इस तरह के सवालों और पलायन की समस्या को उठाने से साफ है कि कांग्रेस इस चुनाव में बेरोजगारी को एक केंद्रीय चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। उनका यह प्रयास युवाओं को यह संदेश देने के लिए है कि उनकी प्रतिभा और मेहनत का उपयोग बिहार के अंदर ही होना चाहिए, न कि उन्हें रोजगार की तलाश में राज्य से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़े। मछुआरों के साथ तालाब में उतरने की यह 'पॉलिटिकल स्टंट' से कहीं ज़्यादा, समाज के सबसे निचले तबके से जुड़ाव स्थापित करने की एक सोची-समझी रणनीति लगती है। कुल मिलाकर, बेगूसराय की यह घटना राहुल गांधी के राजनीतिक कॅरियर में एक नया अध्याय जोड़ती है। जहाँ एक तरफ उन्होंने मंच से आक्रामक होकर PM मोदी पर हमला बोला, वहीं दूसरी तरफ तालाब में उतरकर आम लोगों से जुड़ने की कोशिश की।

अजय शास्त्री की रिपोर्ट