Bihar politics: जदयू से बोगो सिंह के आरजेडी में आने से महागठबंधन में बवाल, भड़के नेता, सियासी संग्राम शुरु

महागठबंधन के भीतर ही दरारें चौड़ी हो गई हैं। वजह है मटिहानी के दबंग विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ़ बोगो सिंह का आरजेडी का दामन थामना।

Bogo Singh
जदयू से बोगो सिंह के आरजेडी में आने से महागठबंधन में बवाल- फोटो : reporter

Bihar politics: बिहार की राजनीति इन दिनों पाला बदलने और नये गठजोड़ों की कहानियों से गरमाई हुई है। रोज़ कोई न कोई नेता अपना “राजनीतिक चोला” बदलता नज़र आ रहा है। जो कल तक एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे थे, आज वही नेता मंच साझा करते और एक-दूसरे की तारीफ करते दिख रहे हैं। यही तो सियासत का असली रंग हैजहाँ न कोई स्थायी दोस्त होता है और न कोई स्थायी दुश्मन।

इसी खेल का सबसे बड़ा असर अब बेगूसराय की मटिहानी विधानसभा सीट पर दिखाई दे रहा है। यहाँ महागठबंधन के भीतर ही दरारें चौड़ी हो गई हैं। वजह है मटिहानी के दबंग विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ़ बोगो सिंह का आरजेडी का दामन थामना। पहले भाजपा और फिर जदयू में रह चुके बोगो सिंह ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर आरजेडी ज्वाइन करने की घोषणा कर दी। इससे पहले उनका तेजस्वी यादव के साथ एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था, जिसने सियासी हलकों में खलबली मचा दी थी।

बोगो सिंह के आरजेडी में शामिल होते ही महागठबंधन के अंदर घमासान शुरू हो गया। कांग्रेस और वाम दलों ने इसका खुलकर विरोध किया। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता राजेंद्र सिंह ने अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी-अपनी दावेदारी ठोक दी। इन दलों का कहना है कि मटिहानी सीट पर उनकी मेहनत और पकड़ को दरकिनार कर आरजेडी ने बोगो सिंह को टिकट देने का रास्ता साफ कर दिया है।

बोगो सिंह के आने से सबसे बड़ा झटका उन नेताओं को लगा है जो लंबे समय से इस सीट पर टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे। पिछले चुनाव में बोगो सिंह महज तीन सौ वोटों से हार गए थे, वहीं राजेंद्र सिंह भी बेहद कम अंतर से जीत से चूक गए थे। उधर कांग्रेस के सार्जन सिंह को पूरा भरोसा था कि इस बार मटिहानी से टिकट उन्हें मिलेगा। लेकिन बोगो सिंह की एंट्री ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है।

तीनों नेताओं  राजेंद्र सिंह, सार्जन सिंह और कांग्रेस-सीपीआई खेमे का साफ कहना है कि आरजेडी का यह फ़ैसला महागठबंधन की एकजुटता को कमजोर करेगा। बेगूसराय की राजनीति में अब बवाल अपने चरम पर है। महागठबंधन दो फाड़ में बंटता दिख रहा है, और इसका सीधा असर आगामी विधानसभा चुनाव के समीकरणों पर पड़ सकता है।

रिपोर्ट- अजय शास्त्री