Bihar News: बिहार के 15 लोग उत्तराखंड के धराली में लापता, एक हफ्ते बाद भी नहीं मिला सुराग, बादल फटने से मची थी भारी तबाही
Bihar News: बिहार के 15 लोग उत्तराखंड के धराली में लापता हो गए। बादल फटने के बाद हुए हादसे में सभी लापता हैं और हादसे के एक हफ्ते के बाद भी उनकी कोई खबर नहीं मिली है...

Bihar News: बिहार के बेतिया जिले के 15 लोग उत्तराखंड के धराली में लापता हो गए। बादल फटने के बाद हुए हादसे में ये लोग लापता हो गए थे जिनका अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। वहीं इनमें से 4 लोगों की दाह संस्कार परिजनों ने पुतला बनाकर किया। दरअसल, 5 अगस्त को उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से भीषण हादसा हुआ। इस हादसे के चपेट में आए बिहार के बेतिया जिले के 15 लोग अब भी लापता हैं। हादसे के एक सप्ताह बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला है। निराश परिजनों ने चार लापता लोगों को मृत मानकर उनके पुतलों का दाह संस्कार कर दिया।
कौन हैं लापता
लापता मजदूरों में सिकटा प्रखंड के मंगलहिया और छपैनिया गांव के 12 तथा चनपटिया प्रखंड के तीन मजदूर शामिल हैं। सभी रोज़गार के लिए धराली गए थे। मैनाटांड़ के पुरुषोत्तमपुर गांव में देवराज शर्मा और उनके दो पुत्रों अनिल व सुशील शर्मा के पुतले का दाह संस्कार किया गया। सिकटा के अनिरुद्ध ठाकुर ने अपने भाई राकेश ठाकुर और रिपोट दास ने अपने अविवाहित पुत्र गुड्डू दास का कुश का पुतला बनाकर सिकरहना नदी किनारे अंतिम संस्कार किया।
खोज के बाद भी नहीं मिला कोई सुराग
हादसे के बाद परिजन लगातार लापता लोगों से संपर्क करने की कोशिश करते रहे, लेकिन जब कोई खबर नहीं मिली तो कुछ परिजन खुद धराली पहुंच गए। लौटकर उन्होंने बताया कि घटनास्थल का दृश्य बेहद भयावह है। वहां बचने की संभावना लगभग न के बराबर है। रेस्क्यू टीम को भी वहां पहुंचने में करीब दो हफ्ते लग सकते हैं।
अपने अपने काम में लगे थे लोग अचानक आई तबाही
अनिरुद्ध ठाकुर के अनुसार, उनका भाई धराली में सैलून चला रहा था और घटना के समय 10-12 लोग दुकान में बैठे थे। तभी अचानक बादल फटने से आए मलबे और पानी के तेज बहाव में सभी बह गए या दब गए। वहीं मैनाटांड़ के सुनील शर्मा ने बताया कि उनके पिता और दो भाई 11 अन्य लोगों के साथ एक घर में रह रहे थे। घटना के समय दो लोग बाहर गए थे बाकी नौ लोग घर के अंदर थे जिनका अब तक कोई पता नहीं चला है।
लापता लोगों में शामिल नाम
बृजेश उर्फ विदेशी यादव, गुड्डू दास, संदीप मुखिया (पुत्र हरिलाल मुखिया), संदीप साह (पुत्र इंद्रजीत साह), राकेश ठाकुर (पुत्र परशुराम ठाकुर), राहुल कुमार मुखिया, योगेंद्र मुखिया, बंधु मुखिया, निशु शर्मा, रामाधार कुशवाहा, कृष्णा राम आदि के नाम सूची में शामिल हैं। यह त्रासदी न केवल उत्तराखंड बल्कि बिहार के इन गांवों के लिए भी गहरी पीड़ा छोड़ गई है। परिजन अब केवल प्रशासन से अंतिम पुष्टि और औपचारिकताओं की प्रतीक्षा कर रहे हैं।