Bihar Vidhansabha Chunav 2025: '20 साल का शासन और हालत जस की तस', महात्मा गांधी के प्रपौत्र ने कहा- 'बिहार अब परिवर्तन मांगे तो गलत क्या?'

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने जो देखा, वह बिहार की हकीकत बयान करता है जिनके पास कुछ नहीं है, उनकी हालत अब भी बहुत खराब है।

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: '20 साल का शासन और हालत जस की
बदलाव मांगे बिहार - फोटो : ASHISH

BETTIAH : बिहार की सियासी सरज़मीं इन दिनों जोश और जनकार्यों से गूंज रही है। पश्चिम चंपारण के सिकटा विधानसभा क्षेत्र के मैनाटाड़ में भाकपा-माले प्रत्याशी के पक्ष में आयोजित जनसभा में महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने अपने विचार रखे। शाम के सूरज के साथ तुषार गांधी की बातें भी जनता के दिलों में उतर गईं।  सधी हुई आवाज़ में, लेकिन सियासत पर सीधा वार करते हुए। उन्होंने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने जो देखा, वह बिहार की हकीकत बयान करता है जिनके पास कुछ नहीं है, उनकी हालत अब भी बहुत खराब है। किसी को सांप काट ले तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो जाती है।

तुषार गांधी का यह बयान मौजूदा सत्ता पर एक तंज था। उन्होंने कहा कि अगर 20 साल के शासन में भी बिहार नहीं बदला, तो जनता अगर अब परिवर्तन मांगे, तो यह पूरी तरह जायज है। बेतिया पहुंचने पर देर रात पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों के मन में अब बदलाव की लहर है। इस बार का चुनाव उसी भावना का प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि आज महागठबंधन का जो मेनिफेस्टो जारी हुआ है, उसमें जनता की आवाज़ झलकती है।  कम से कम उन्होंने जनता की तकलीफों को समझने की कोशिश की है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के हर घर सरकारी नौकरी वाले ऐलान पर तुषार गांधी ने कहा कि यह वादा बिहार के युवाओं के लिए उम्मीद की किरण है। उन्होंने कहा कि बिहार से पलायन आज सबसे बड़ी समस्या है। अगर नौकरी मिले तो युवा अपने गांव-कस्बों में रहकर रोज़ी-रोटी कमा सकेंगे।

वहीं जब उनसे प्रशांत किशोर के उस बयान पर सवाल पूछा गया। जिसमें उन्होंने कहा था कि छठ पूजा के बाद किसी को बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा, तो तुषार गांधी मुस्कराए और बोले कि ऐसे चमत्कारों से बिहार नहीं बदलेगा। हकीकत की जमीन पर रहना होगा। महागठबंधन के अंदरूनी मतभेदों पर उन्होंने कहा कि परिवार में भी मतभेद होते हैं, पर परिवार टूटते नहीं।

रिपोर्ट- आशीष कुमार