Deepawali 2025 : लौरिया के अशोक स्तम्भ परिसर में बौद्ध धर्मावलंबियो ने धूमधाम से मनाया दीपदानोत्सव, कहा अब भारत की बात सुनती है दुनिया...
BETTIAH : पश्चिमी चम्पारण के ऐतिहासिक लौरिया अशोक स्तंभ परिसर मे आज देर शाम दर्जनो की संख्या मे आये बौद्ध धर्मावलंबियो ने दीपदान कर दिपदानोत्सव बडा ही धूमधाम से मनाया। बौद्ध धर्मावलंबियो ने हजारो की संख्या मे कैंडल जलाकर पूरे परिसर को प्रकाशमय कर दिया।
इस संबंध मे भारतीय बौद्ध संरक्षण मिसाइल इंजीनियर विजय कश्यप ने बताया की पूरे विश्व को समता, स्वतंत्रता, न्याय व बंधुत्व की दीक्षा देने वाले एक मात्र शोधकर्ता, वैज्ञानिक तथागत भगवान बुद्ध ने जो मार्ग दिये। उसे सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद अपने जीवन मे उतारा और उसे पूरे विश्व मे फैलाने के लिये अपने पुत्र महेन्द्र और पुत्री संमित्रा को धभ प्रचार के लिये भेजा। आज यही कारण है की पूरा विश्व युद्ध की बात न कर शांति के मार्ग को दुनिया अपनाना चाहता है।
कहा की आज भारत की बात पूरी दुनिया मे सुनी जा रही है। जिससे भारत का मान और सम्मान भी बढा है और भारत की यूनेस्को और विटो मे भी शक्ति के साथ शांति की बात करने के कारण पूरी मे सुनी जा रही है। आज भगवान बुद्ध की याद मे ही यह दिपदानोत्सव मनाया जा रहा है। वही इस संबध मे भाग लेने आये लौरिया नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश पूरी ने बताया की दिपक का मतलब है अंधेरे से प्रकाश मे आना और बुद्ध का भी मतलब है अंधेरे से प्रकाश मे आना। वह सिद्धार्थ से बुद्ध हुये बुद्ध का मतलब है ज्ञान का प्रकाश है ।
भगवान बुद्ध को लोकतंत्र मे भी काफी विश्वास था। इसलिए अभी लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है। इसलिये सभी मतदाता बंधु इस लोकतंत्र मे भाग ले और अपना मत देकर एक अच्छा प्रतिनिधि चुने जो बिहार विधानसभा मे जाकर आपकी समस्याओ को उठाये और एक विकसित बिहार बनाये। तभी भगवान बुद्ध के लिये मनाया जा रहा यह दिपदानोत्सव सही अर्थ मे कारगर होगा । वही इस दिपदानोत्सव मे आयी सुनिता सरगम ने बताई की इस तरह के कार्यक्रम मे आकर मै अपने आप को काफी गौरवान्वित महसूस कर रही हू। बहुत अच्छा लग रहा है यहा आकर । वही इस मौके पर सुनिता सरगम ने भोजपुरी मे सम्राट अशोक के लिये एक बहुत ही अच्छा गीत भी गाया। जिसे वहा आये बौद्धिष्टो ने काफी सराहा ।
बेतिया से आशीष की रिपोर्ट