Bihar News : झाड़ियों में फेंके नवजात को मिला ममता का आँचल, सफाईकर्मी की पत्नी ने लिया लालन पालन का जिम्मा

Bihar News : बेतिया में एक तरफ जहाँ माँ की ममता शर्मसार हुई है. वहीँ ममता का अद्भुत रूप भी देखने को मिला है. झाड़ियों में फेंके गए एक बच्चे को महिल साथ ले गयी.....पढ़िए आगे

Bihar News : झाड़ियों में फेंके नवजात को मिला ममता का आँचल, स
माँ की ममता शर्मसार - फोटो : SOCIAL MEDIA

BETTIAH : जिले के लौरिया में शनिवार की सुबह एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने इंसानियत और ममता के दो अलग-अलग चेहरे दिखाए। एक ओर जहाँ एक निर्दयी माँ ने अपने सवा माह के मासूम बच्चे को ऐतिहासिक अशोक स्तंभ परिसर की झाड़ियों में मरने के लिए छोड़ दिया, वहीं दूसरी ओर एक अनजान महिला ने उसे उठाकर ममता की गोद दी और पालने का संकल्प लिया।

घटना की जानकारी तब हुई जब सुबह के वक्त शौचालय सफाईकर्मी अरुण रोज की तरह टहल रहे थे। तभी उन्हें झाड़ियों से किसी बच्चे के लगातार रोने की आवाज सुनाई दी। मोबाइल की टॉर्च से देखने पर उन्होंने पाया कि एक नवजात शिशु लाल गमछे में लिपटा हुआ ठंड और दर्द से काँप रहा था। अरुण ने तुरंत अपनी पत्नी अमरावती देवी को बुलाया। बच्चे की हालत देखकर अमरावती देवी की आँखें भर आईं। उन्होंने बिना किसी देरी के शिशु को गोद में उठाया और अपने सीने से लगा लिया। अमरावती देवी ने उस मासूम को पालने का निश्चय करते हुए कहा, “शायद यह ईश्वर का इशारा है कि इस बच्चे की माँ अब मैं बनूँ। ईश्वर ने मुझे ममता की नई जिम्मेदारी दी है।”

जानकारी के अनुसार, बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है। शिशु के नाभि के दाहिनी ओर ऊपर की तरफ एक छेद है, जिसके माध्यम से वह शौच और मूत्र त्याग कर रहा है। अरुण दंपती ने बच्चे की इस नाजुक स्थिति और उसे पाए जाने की सूचना तत्काल प्रशासन को दे दी है।

यह घटना स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। गौरतलब है कि अरुण और अमरावती पहले से ही चार संतान (दो पुत्र और दो पुत्रियाँ) के माता-पिता हैं, इसके बावजूद उन्होंने इस मासूम को ईश्वर का वरदान मानकर पालने का संकल्प लिया है। एक तरफ जहाँ लोग अमरावती देवी की ममता और साहस की सराहना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बच्चे को झाड़ियों में फेंकने वाली माँ की कड़ी निंदा कर रहे हैं।

बेतिया से आशीष की रिपोर्ट