Bhagalpur: JLN मेडिकल कॉलेज से जुड़े 28 लाख का वाले मामले में शातिर नर्स पर कसा शिकंजा! प्रधान सचिव जांच रिपोर्ट की कर दी मांग, जानें क्या होगा अब
JLN मेडिकल कॉलेज की नर्स प्रतिमा कुमारी को बिना काम वेतन मिलने का मामला गरमा चुका है. इस पर प्रधान सचिव ने जांच के आदेश दिए है।

Bhagalpur JLN Scam: बिहार के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (JLNMC) के पैथोलॉजी विभाग में तैनात स्टाफ नर्स प्रतिमा कुमारी - 6 को कथित रूप से बिना ड्यूटी किए वेतन मिलने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। इस गंभीर लापरवाही को लेकर राज्य के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने खुद हस्तक्षेप किया है और अस्पताल अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
यह पहला अवसर है जब मुख्यालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सीधे कार्रवाई की पहल की है, जिससे संकेत मिलता है कि मामला कितना गंभीर है। रिपोर्ट आने के बाद मुख्यालय स्तर पर सीधे कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
किस स्तर पर हुई लापरवाही?
मामले में यह सवाल उठाया गया है कि प्रतिमा कुमारी को ड्यूटी पर उपस्थित न रहते हुए वेतन कैसे दिया गया? इसके लिए पूर्व अधीक्षक, सिस्टर इंचार्ज, वेतन तैयार करने वाले लिपिक, उपस्थिति दर्ज करने वाले कर्मचारी, और स्वयं प्रतिमा कुमारी से पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा, सर्विस बुक में इंक्रीमेंट की मंजूरी देने वाले अधिकारी की भी भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है।नियम के अनुसार, किसी भी नर्स को अवकाश पर जाने से पहले मेट्रन कार्यालय में आवेदन जमा करना होता है, लेकिन प्रतिमा ने अक्सर पोस्ट के जरिए आवेदन सीधे अधीक्षक कार्यालय भेजे, जो नियमों का उल्लंघन है।
अनुपस्थित रहते हुए इंक्रीमेंट कैसे मिला
स्पष्ट रूप से यह देखा जा रहा है कि सर्विस बुक अपडेट करने वाले कर्मचारी ने बिना जांच के इंक्रीमेंट दे दिया, और इसकी प्रक्रिया पर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रतिमा के गायब रहने की जानकारी सिस्टर इंचार्ज ने मेट्रन को नहीं दी, जिससे पूरा प्रशासनिक तंत्र संदेह के घेरे में है।मेट्रन कार्यालय का कहना है कि प्रतिमा का पहली बार आवेदन आने पर ही मामला उजागर हुआ और इसकी जांच कर अधीक्षक को जानकारी दी गई। पूर्व में ऐसे आवेदन पोस्ट से सीधे भेजे जाते थे, जिन पर कोई वैध प्रक्रिया नहीं अपनाई गई थी।
लापरवाह कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई
प्रधान सचिव के हस्तक्षेप के बाद अब अस्पताल अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा इस पूरे मामले की जांच स्वयं करेंगे। यह भी स्पष्ट किया गया है कि जांच के उपरांत जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल प्रतिमा एक बार फिर अवकाश पर गई हैं, इस बार उन्होंने बीमारी का हवाला दिया है और मेट्रन कार्यालय से अनुमति ली है।अधिकारिक सूत्रों की मानें तो सभी विभागों को नियमों का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन अब पूरी घटना को “घोर लापरवाही” के रूप में देख रहा है और इसे एक उदाहरणात्मक कार्रवाई के रूप में भी प्रस्तुत किया जा सकता है ताकि आगे इस तरह की गड़बड़ियों को रोका जा सके।