Bhagalpur news: भागलपुर से हैं तो ये खबर आपके लिए! कर लिजिए ये काम इतिहास में अमर हो जाएगा नाम, जानें

भागलपुर जिले की सांस्कृतिक पहचान और विरासत को दर्शाने वाला आधिकारिक लोगो जल्द तैयार होगा। जिला स्थापना दिवस के अवसर पर प्रतियोगिता से सर्वश्रेष्ठ लोगो का चयन किया जाएगा।

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Bhagalpur news- फोटो : social media

Bhagalpur news:  बिहार के भागलपुर जिले की ऐतिहासिक विरासत और सांस्कृतिक पहचान को नया आयाम देने के उद्देश्य से अब भागलपुर को मिलेगा अपना आधिकारिक "जिला लोगो"। इस लोगो को तैयार करने के लिए एक खुली प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भाग लेने वाले विभिन्न प्रतिभागियों में से सर्वश्रेष्ठ लोगो का चयन किया जाएगा। यही लोगो भागलपुर जिले की पहचान का प्रतीक बनेगा।

यह निर्णय जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में समाहरणालय के समीक्षा भवन में आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक का आयोजन 4 मई को होने वाले जिला स्थापना दिवस समारोह की तैयारियों को लेकर किया गया था। यह दिवस भागलपुर की प्रशासनिक नींव, ऐतिहासिक योगदान और सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान करने का प्रतीक बनेगा।

भागलपुर जिला स्थापना समारोह 

जिला स्थापना समारोह के लिए कला संस्कृति विभाग द्वारा अनुदान राशि भी जारी कर दी गई है। इस अवसर पर शहर में प्रभात फेरी, मैराथन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, रंगोली प्रतियोगिता, स्मारिका प्रकाशन और सरकारी भवनों की विशेष सजावट की जाएगी।

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राज्यपाल और मुख्यमंत्री का शुभकामना संदेश

स्थापना दिवस की स्मारिका में राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित अन्य प्रमुख हस्तियों का शुभकामना संदेश प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही, विक्रमशिला विश्वविद्यालय, एनटीपीसी कहलगांव, कृषि विश्वविद्यालय सबौर, ट्रेडिशनल रेशम उद्योग, गंगा डॉल्फिन अभ्यारण्य, बाबा अजगैबीनाथ मंदिर, नाथनगर का जैन मंदिर, और टीएमबीयू जैसे स्थलों पर आधारित विशेष आलेख भी शामिल किए जाएंगे।सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी विभागीय उपलब्धियों को 100 शब्दों में संक्षेप में प्रस्तुत करें, जिससे यह स्मारिका भागलपुर के विकास और सांस्कृतिक गौरव की एक प्रेरणादायक दस्तावेज बन सके।

सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा

इस आयोजन के माध्यम से जिले के नागरिकों में स्थानीय गर्व और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। जिला प्रशासन की यह पहल न केवल प्रशासनिक पहचान को मजबूत करेगी, बल्कि भागलपुर की ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक मूल्यों को भी एक सशक्त मंच प्रदान करेगी।